उत्तराखंड

Dehradun : बुजुर्गों और बच्चों में इन्फ्लुएंजा का लगातार बढ़ रहा खतरा ,तीन मिले पॉजिटिव

3 Jan 2024 4:28 AM GMT
Dehradun : बुजुर्गों और बच्चों में इन्फ्लुएंजा का  लगातार बढ़ रहा खतरा ,तीन मिले पॉजिटिव
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देहरादून। सीजनल इन्फ्लुएंजा के तीन नए मरीज मंगलवार को मिले हैं। इन सभी मरीजों की रिपोर्ट दून मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी की गई है। इनमें तीन वर्षीय बच्ची, 38 वर्षीय पुरुष और 70 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं। इन सभी मरीजों का इलाज आइसोलेशन में हो रहा है। इन मरीजों की एच1एन1 रिपोर्ट की …

देहरादून। सीजनल इन्फ्लुएंजा के तीन नए मरीज मंगलवार को मिले हैं। इन सभी मरीजों की रिपोर्ट दून मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी की गई है। इनमें तीन वर्षीय बच्ची, 38 वर्षीय पुरुष और 70 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं। इन सभी मरीजों का इलाज आइसोलेशन में हो रहा है। इन मरीजों की एच1एन1 रिपोर्ट की जानकारी अभी जारी नहीं की गई है जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत ने बताया कि मंगलवार को इन्फ्लुएंजा-ए के आठ संदिग्ध मरीजों की जांच की गई थी। इनमें तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तीनों मरीजों की हालत सामान्य है। बताया कि मंगलवार को 65 लोगों की कोविड जांच हुई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।

बता दें कि जिले में बुजुर्गों और बच्चों में इन्फ्लुएंजा का खतरा लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अबतक तीन बच्चे और पांच बुजुर्ग इन्फ्लुएंजा पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके अलावा, कुछ मरीजों में इन्फ्लुएंजा पॉजिटिव आने के बाद एच1एन1 भी पॉजिटिव आया है। दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि रेस्पिरेटरी विभाग में आने वाले अधिकतर मरीजों की इन्फ्लुएंजा जांच की जा रही है।

स्वाइन फ्लू के डर से होती इन्फ्लुएंजा जांच
दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ मेजर डॉ. गौरव मुखीजा ने बताया कि अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के साथ जो मरीज आते हैं। इनमें इन्फ्लुएंजा की जांच जरूर की जाती है। मरीजों में एच1एन1, एच3एन1, एच3एन2, एच1एन2 का डर रहता है इसलिए यह पता करने के लिए पहले इन्फ्लुएंजा की जांच होती है। यह सभी इन्फ्लुएंजा-ए के सब-टाइप हैं और ये स्वाइन फ्लू को प्रजेंट करते हैं। हालांकि, यह बहुत कम ही पॉजिटिव आते हैं लेकिन अगर यह पॉजिटिव आते हैं तो मरीज के फेफड़ों पर असर डालते हैं। इसमें घातक निमोनिया होता है।

कॉमन कोल्ड है इन्फ्लुएंजा ए और बी
इन्फ्लुएंजा ए और बी एक कॉमन कोल्ड की तरह हैं। इससे डरने की जरूरत नहीं है। हर साल जब सर्दी आती है तो इन्फ्लुएंजा ए और बी सामने आता है। इन्फ्लुएंजा पॉजिटिव आने के बाद मरीज को आइसोलेट कर दिया जाता है।

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