उत्तराखंड

Dehradun : कड़ाके की ठंड के बीच उत्तराखंड में बिजली संकट , गांवों में छह घंटे तक कटौती

21 Jan 2024 1:03 AM GMT
Dehradun : कड़ाके की ठंड के बीच उत्तराखंड में बिजली संकट , गांवों में छह घंटे तक कटौती
x

देहरादून : पिछले दो दिनों में राज्य में ठंड बढ़ने से बिजली संकट गहरा गया है. गांवों में 6 घंटे तक बिजली कटौती का अनुभव होगा, जबकि छोटे शहरों और अन्य शहरों में 3 से 4 घंटे तक बिजली कटौती का अनुभव होगा। स्टील भट्टी को 10 घंटे तक काटना चाहिए। ठंड से लोग डरे …

देहरादून : पिछले दो दिनों में राज्य में ठंड बढ़ने से बिजली संकट गहरा गया है. गांवों में 6 घंटे तक बिजली कटौती का अनुभव होगा, जबकि छोटे शहरों और अन्य शहरों में 3 से 4 घंटे तक बिजली कटौती का अनुभव होगा। स्टील भट्टी को 10 घंटे तक काटना चाहिए। ठंड से लोग डरे हुए हैं.

प्रदेश में ठंड के साथ ही बिजली की मांग निरंतर बढ़ रही है। इस महीने पहली बार बिजली की मांग 4.9 करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंच गई है। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास यूजेवीएनएल से एक करोड़ यूनिट, केंद्रीय परियोजनाओं से राज्य की 1.4 करोड़ यूनिट, अन्य माध्यमों से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिलाकर कुल 4.6 करोड़ यूनिट तक ही उपलब्ध हो रही है। 20 से 40 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है जो कि पीक आवर्स में पूरी उपलब्ध नहीं हो पा रही।

इस वजह से हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण इलाकों में चार से पांच घंटे कटौती हो रही है। छोटे कस्बों लंढौरा, मंगलौर, लक्सर, बहादराबाद, ढकरानी, सेलाकुईं, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, कोटद्वार, ज्वालापुर, जसपुर, किच्छा, खटीमा, रामनगर, गदरपुर और बाजपुर में तीन से चार घंटे कटौती हो रही है। रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, सितारगंज और रुड़की में भी डेढ़ से ढाई घंटे की कटौती की जा रही है। वहीं स्टील फर्नेश में भी नौ से 10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है।

यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, मांग के सापेक्ष बाजार से भी लगातार बिजली खरीदी जा रही है। बावजूद इसके कमी हो रही है, जिसके चलते कुछ जगहों पर कटौती की जा रही है। यूपीसीएल प्रबंधन लगातार मांग के मुकाबले आपूर्ति के प्रयास कर रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसी किल्लत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय कोटे से 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग रखी है।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

    Next Story