भारत

टाउन हॉल के व्यवसायीकरण पर फैसला सुरक्षित

5 Jan 2024 5:15 AM GMT
टाउन हॉल के व्यवसायीकरण पर फैसला सुरक्षित
x

शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला की हेरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग को हाई एंड कैफे में परिवर्तित कर व्यवसायीकरण करने से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने दो दिन चली सुनवाई के पश्चात अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने अधिवक्ता …

शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला की हेरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग को हाई एंड कैफे में परिवर्तित कर व्यवसायीकरण करने से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने दो दिन चली सुनवाई के पश्चात अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर द्वारा दायर जनहित याचिका की पर सुनवाई की । याचिका में आरोप लगाया गया है कि नगर निगम शिमला ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958ए टीसीपी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इस विरासत संपत्ति को हाई एंड कैफे में बदलने की अनुमति दी है। आरोप है कि एमसी शिमला ने हेरिटेज टाउन हॉल के ग्राउंड फ्लोर पर हाई एंड रेस्तरां चलाने के लिए लीज पर देने के लिए वर्ष 2020 में टेंडर प्रक्रिया जारी की थी।

जब एमसी शिमला को उपयुक्त बोलीदाता नहीं मिल पाए तो निविदा नोटिस जारी करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट बोर्ड (एचपीआईडीबी) को सौंपने का फैसला किया गया था। इसके बाद एचपीआईडीबी ने 26 फरवरी, 2022 को एक निविदा नोटिस जारी किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी संचालक ठेकेदार हेरिटेज बिल्डिंग में हाई एंड कैफे बना कर हेरिटेज बिल्डिंग मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से सरकार को विरासत भवन को कानून के अनुसार उसके मूल स्वरूप और आकार में बहाल करने और सबसे उपयुक्त तरीके से इसका उपयोग करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। प्रार्थी ने कोर्ट से राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया है, जो अनधिकृत आंतरिक निर्माण और संशोधन की निगरानी और सत्यापन करने में विफल रहे, जिससे विरासत भवन की प्रकृति बदल गई।

    Next Story