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पद्मनाभ स्वामी मंदिर की लोकप्रिय हथिनी की मौत

Apurva Srivastav
30 May 2021 5:58 PM GMT
पद्मनाभ स्वामी मंदिर की लोकप्रिय हथिनी की मौत
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केरल में प्रसिद्ध पद्मनाभ स्वामी मंदिर की एक हथिनी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई

केरल में प्रसिद्ध पद्मनाभ स्वामी मंदिर (Padmanabha Swamy temple) की एक हथिनी (Elephant) की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई. ये हथिनी त्रावणकोर (Travancore) के तत्कालीन राजा चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा ने मंदिर को उपहार में दी थी. इस हथिनी का नाम मथिलाकम दर्शिनी उर्फ दर्शिनी है और इसकी मौत रविवार को हुई है. सूत्रों ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि यह हथिनी 55 से 58 साल की थी और वह पिछले कुछ समय से पेट की बीमारी से परेशान थी.

श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की प्रिय यह हथिनी मंदिर के अलग-अलग अनुष्ठानों खास तौर पर सालाना 'अरातु' के समय मौजूद रहती थी. 'अरातु' एक पारंपरिक शोभा यात्रा है, जिसके दौरान मूर्ति को पवित्र स्नान के लिए ले जाया जाता है. शाही परिवार के एक सदस्य ने मृत हथिनी को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, "दर्शिनी बहुत शांत थी और अब तक किसी ने भी उसकी कोई शिकायत नहीं की थी.
इंदिरा गांधी के नाम पर किया गया था नामकरण
मंदिर के दस्तावेज के अनुसार, दर्शिनी और दो अन्य हथिनी साल 1966 में पश्चिमी घाट के जंगल से मिली थीं और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (PM Indira Gandhi) के प्रति सम्मान दिखाते हुए इसका नाम 'इंदिरा', 'प्रिया' और 'दर्शिनी' रखा गया था. तत्कालीन राजा चिथिरा थिरुनल (King Chithira Thirunal) को दर्शिनी खूब पसंद आई थी और उन्होंने इसे भगवान पद्मनाभ मंदिर को इसे दान में दे दिया. उस समय इस मंदिर का मैनेजमेंट शाही परिवार करता था.
कोरोना नियमों के पालन के साथ हथिनी को दी गई श्रद्धांजलि
मंदिर के सूत्रों ने बताया कि शाही परिवार के सदस्यों और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मनम राजशेखरन समेत कई लोगों ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए हथिनी को श्रद्धांजलि दी. राजशेखरन मंदिर प्रशासनिक पैनल के सदस्य भी हैं. हालांकि श्रद्धालुओं की मांग थी कि हथिनी का अंतिम संस्कार मंदिर के अहाते या इसके आसपास में हो लेकिन बाद में जगह की दिक्कत की वजह से कुलाथुपुझा में वन विभाग (Forest Department) की जमीन पर उसका अंतिम संस्कार किया गया.


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