दौसा । संयुक्त निदेषक कृषि विस्तार जिला परिषद दौसा के पूरण चन्द मीना ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा षीतलहर एवं पाले से फसल की सुरक्षा के उपाय किसानो को सुझाये गये है। कृषि विभाग द्वारा किसानो को जानकारी दी जाती है कि संभावित पाले एवं षीतलहर से फसलो को नुकसान होने की संभावना है। …
दौसा । संयुक्त निदेषक कृषि विस्तार जिला परिषद दौसा के पूरण चन्द मीना ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा षीतलहर एवं पाले से फसल की सुरक्षा के उपाय किसानो को सुझाये गये है। कृषि विभाग द्वारा किसानो को जानकारी दी जाती है कि संभावित पाले एवं षीतलहर से फसलो को नुकसान होने की संभावना है। किसानो से अपील है कि जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो उस रात 12ः00 से 2ः00 बजे के आस पास खेत की उत्तरी पष्चिमी दिषा से आने वाले ठंडी हवा की दिषा में खेतो के किनारे, मेड़ो पर रात्री में कूड़ा कचरा आदि जलाकर धुआँ करे एवं खेत की सिंचाई करे जिससे वातावरण का तापमान 0.50ब् से 40ब् तक बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जिन दिनो पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनो फसलो पर घुलनषील गंधक 0.2 प्रतिषत (2 ग्राम प्रति लीटर पानी में) घोल बनाकर छिड़काव करे इस अवधि के बाद भी षीतलहर एवं पाले की संभावना बन रही हो तो यह छिड़काव 15 दिन के अंतराल पर दोहराये।
उन्होंने बताया कि पौधषालाओ के पौधो/सीमित क्षेत्र वाले उद्यानो/नगदी सब्जी वाली फसलो को टाट/पॉलिथीन अथवा भूसे से ढ़क देवें। उत्तर पष्चिम दिषा में वायुरोधी टाटियां बांधे। दीर्धकालीन उपाय के रुप में खेत के उत्तरी पष्चिमी मेड़ो पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानो पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे षहतूत, षीषम, बबूल, खेजड़ी, अरडू एवं जामुन आदि लगा देवे।