कुश्ती पर दंगल: 'उद्योगपति' की संभावित भागीदारी ने विरोध में नई परतें जोड़ी
हालांकि, पहलवानों के अचानक विरोध ने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। मुख्य प्रश्न यह है कि वास्तव में इन पहलवानों के पीछे कौन है? उनका मार्गदर्शन कौन कर रहा है? बजरंग, साक्षी और विनेश ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह जंतर-मंतर पर पहलवानों की समस्याओं के कारण हैं, न कि किसी के निर्देश के कारण। हालांकि सूत्रों की मानें तो इस पूरे विवाद में और भी परतें हो सकती हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कुश्ती कोच ने आईएएनएस से कहा, यह मुझे एक राजनीतिक विवाद की तरह लगता है। मुझे लगता है कि इसके पीछे कोई बड़ा है। कुछ नेटिजन्स को लगता है कि पूरे प्रकरण के पीछे एक 'योग गुरु' है।
विशेष रूप से, बृज भूषण विवादों के लिए नए नहीं हैं और मुखर होने के लिए जाने जाते हैं। वह पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं। उनके खिलाफ मौजूदा विरोध का उनके पिछले विवादों से कुछ संबंध हो सकता है। पिछले साल नवंबर/दिसंबर में बृजभूषण ने योग गुरु रामदेव और उनके पतंजलि उत्पादों के ब्रांड पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि रामदेव के उत्पाद अस्वास्थ्यकर हैं और मैं यूपी और उत्तराखंड सरकार से इस पर ध्यान देने के लिए कहता हूं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाद में रामदेव ने बृजभूषण को माफी मांगने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन बीजेपी सांसद ने माफी नहीं मांगी। पहलवानों के विरोध के बीच डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने बुधवार को कहा था, 'एक उद्योगपति है जो पहलवानों को मेरे खिलाफ भड़का रहा है।'
इसके अलावा, 2016 में रियो ओलंपिक से ठीक पहले, दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और उभरते पहलवान नरसिंह यादव के बीच एक झगड़ा हुआ था। उस वक्त रामदेव ने सुशील का साथ दिया था। अब नरसिंह ने आग को और हवा देते हुए बृजभूषण के पक्ष में ट्वीट किया है। शुक्रवार सुबह बृजभूषण ने कहा था कि वह शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बड़े नामों का पदार्फाश करेंगे। लेकिन बाद में उन्होंने प्रेस वार्ता रद्द कर दी।
तो, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या आता है। बृजभूषण पहले भी कई विवादों से जूझ चुके हैं। क्या वह इसमें पाक साफ निकल पाएंगे?