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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन जिले में महाशिवरात्रि (Maharashtri) के मौके पर एक 30 साल की दलित छात्रा को शिव मंदिर में पूजा करने से कथित तौर पर रोके जाने का मामला सामने आया है
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन जिले में महाशिवरात्रि (Maharashtri) के मौके पर एक 30 साल की दलित छात्रा को शिव मंदिर में पूजा करने से कथित तौर पर रोके जाने का मामला सामने आया है. सार्वजनिक मंदिर में पूजा करने से रोके जाने के मामले में एक पुजारी और दो महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस (MP Police) ने यह कार्रवाई इस घटना के तूल पकड़ने के बाद की है. खबर के मुताबिक इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने मामले में एक्शन लिया है. (वीडियो की पुष्टि न होने की वजह से टीवी9 इसे नहीं दिखा रहा है).
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली यूनिवर्सिटी की छात्रा (Dalit Student) ने बड़ा आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि महाशिवरात्रि पर उसे टेमला गांव के सार्वजनिक शिव मंदिर में पूजा करने से रोक दिया गया. छात्रा के मुताबिक जातिगत भेदभाव की वजह से उनके साथ इस तरह का सुलूक किया गया. आरोप है कि उसके साथ जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया.
दलित छात्रा को मंदिर में पूजा करने से रोका
पुलिस अधिकारियों ने छात्रा की शिकायत के हवाले से बताया कि उसकी चचेरी बहन ने घटना का वीडियो बना लिया था. यह मामला इंदौर से करीब 150 किलोमीटर दूर टेमला गांव का है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्रा की शिकायत पर मंदिर के पुजारी और घटना के वक्त मंदिर में मौजूद दो महिलाओं पर भारतीय दंड विधान की धारा 505 (2) और अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. खबर के मुताबिक छात्रा अपने हाथ में पूजा की थाली लिए मंदिर के गेट पर खड़ी होकर उसे रोके जाने का विरोध करती रही. लेकिन उसे मंदिर में नहीं जाने दिया गया.
हर-हर महादेव' के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन
छात्रा की चचेरी बहन द्वारा बनाए गए वीडियो में वह पश्चिमी मध्य प्रदेश की निमाड़ी बोली में बहस के दौरान एक महिला से पूछ रही थी कि इस मंदिर में जो भगवान बैठे हैं, क्या वह सिर्फ आपके हैं. मामला उजागर होने के बाद दलित संगठन अखिल भारतीय बलाई महासंघ के कार्यकर्ताओं ने पुलिस सुपरीटेंडेंट कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने 'जय भीम' और 'हर-हर महादेव' के नारे लगाते हुए घटना का विरोध किया. संगठन के अध्यक्ष मनोज परमार ने बताया कि प्रदर्शन के बाद दलित छात्रा ने पुलिस सुरक्षा में टेमला गांव के उसी शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया. जहां उसे प्रवेश देने से रोक दिया गया था.
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