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भारत में कोरोना संक्रमण बेकाबू: संकट के समय देश के साथ आया अमेरिका, जाने क्या किया

jantaserishta.com
23 April 2021 2:39 AM GMT
भारत में कोरोना संक्रमण बेकाबू: संकट के समय देश के साथ आया अमेरिका, जाने क्या किया
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अमेरिकी सीनेट की एक शक्तिशाली समिति ने चीन सामरिक प्रतिस्पर्धा विधेयक का समर्थन करते हुए उसे मंजूरी दे दी है. इसे काफी अहम विधेयक माना जा रहा है. इस विधेयक में क्वाड्रिलेट्रेल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) समूह को समर्थन देने के अलावा भारत के साथ सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने का पुरजोर समर्थन किया गया हैृ.

चीन के समुद्री वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर क्वॉड समूह बनाया है. 2007 में इस समूह की स्थापना के बाद से समय-समय पर इसके प्रतिनिधि मिलते रहते हैं. पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में चारों देशों के प्रमुखों ने वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया था. क्वॉड को चीन को काउंटर करने की रणनीति के तौर पर ही देखा जाता है.
बहरहाल, सीनेट की विदेश संबंध समिति ने तीन घंटे की लंबी चर्चा और कई संशोधनों के बाद सामरिक प्रतिस्पर्धा अधिनियम को बुधवार को 21 मतों के साथ मंजूरी दे दी. इस विधेयक के मुताबिक, अमेरिका भारत के साथ व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और देश के साथ द्विपक्षीय रक्षा विमर्शों एवं सहयोग को और मजबूत करता है.
सीनेटर जिम रीच और विदेश संबंध समिति के रैंकिंग सदस्य और अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज़ ने यह विधेयक सदन में पेश किया था. इस विधेयक में अमेरिकी सरकार से अपील की गई है कि वो भारत के साथ करीब से विचार-विमर्श कर ऐसे क्षेत्रों की शिनाख्त करे जहां वह क्षेत्र में चीन के चलते खड़ी आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के भारत के प्रयासों में कूटनीतिक व अन्य मदद मुहैया करा सके.
दोनों अमेरिकी सांसदों ने इस विधेयक को अभूतपूर्व बताया. दोनों सांसदों का यह प्रयास इसलिए है ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीतिक, आर्थिक और राजनयिक प्रयासों को चीन के खिलाफ प्रभावी तरीके से लामबंद किया जा सके. और साथ ही चीन से राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के मोर्चों पर उन चुनौतियों से निपटा जा सके जो दशकों से बनी हुई हैं.
वहीं सीनेटर एडवर्ड मार्की ने एक संशोधन पेश किया जिसमें QUAD इंट्रा-पार्लियामेंट्री वर्किंग ग्रुप बनाने की वकालत की गई है ताकि अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रतिनिधियों को जोड़ा जा सके. मार्की एशिया-प्रशांत उपसमिति की अध्यक्ष हैं.
सीनेट में अपना संशोधन पेश करते हुए एडवर्ड मार्की ने कहा कि QUAD इंट्रा-पार्लियामेंट्री वर्किंग ग्रुप हमारे चार देशों को अपने पारंपरिक रक्षा फोकस से इतर मुद्दों पर सहयोग में विविधता लाने में मदद करेगा. मसलन हिंद-प्रशांत में चीन के बेल्ट एंड रोड के खिलाफ विकल्प तैयार करने और इस क्षेत्र में एक अरब से अधिक COVID-19 वैक्सीन मुहैया कराने की कोशिश होगी.
सीनेट में पास यह बिल अमेरिका की उस कूटनीतिक रणनीति को रेखांकित करने वाला है जो चीन की तरफ से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान का हिस्सा है. यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में अपने सहयोगियों और दुनियाभर के वैश्विक सामरिक साझेदारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की तस्दीक करता है. साथ ही साथ यह सहयोगी देशों के साथ द्विपक्षीय रक्षा विमर्शों तथा सहयोग को और मजबूत करता है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अन्य बहुपक्षीय मंचों के भीतर अमेरिका को अपने नेतृत्व को फिर हासिल करने का आह्वान करता है.
यह विधेयक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सुरक्षा सहायता को प्राथमिकता देकर सहयोगियों और साझेदारों के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता जताने और पश्चिमी गोलार्ध, यूरोप, एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व, आर्कटिक और ओशिनिया में चीन द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए अमेरिकी कूटनीतिक प्रयासों को मजबूत करता है
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