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कांग्रेस ने बोला हमला- 'सिर्फ हेडलाइन मैनेजमेंट ना करे कर्नाटक सरकार, अपने वैक्सीन एडवाइजर की बात भी सुने'

Deepa Sahu
2 Jun 2021 4:22 PM GMT
कांग्रेस ने बोला हमला- सिर्फ हेडलाइन मैनेजमेंट ना करे कर्नाटक सरकार, अपने वैक्सीन एडवाइजर की बात भी सुने
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कांग्रेस ने बुधवार को कर्नाटक सरकार से अपने वैक्सीन सलाहकार गगनदीप कांग की बात पर ध्यान देने को कहा

कांग्रेस ने बुधवार को कर्नाटक सरकार से अपने वैक्सीन सलाहकार गगनदीप कांग की बात पर ध्यान देने को कहा और आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार केवल हेडलाइन मैनेजमेंट कर रही है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा, 'कोविड से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को टीके और अस्पताल के बिस्तरों की कालाबाजारी करने के बजाय, कोविड को हराने के लिए अपने स्वयं के वैक्सीन सलाहकार की बात सुननी चाहिए.'

उन्होंने कांग की नियुक्ति परकहा, 'हमें लगा कि बीजेपी सरकार आखिरकार वैज्ञानिक सलाह ले रही है. हालांकि, यह स्पष्ट है कि यह केवल हेडलाइन मैनेजमेंट था क्योंकि सरकार का कोई भी कदम उनके अपने सलाहकार की सलाह को नहीं दर्शाता है.'
सोशल मीडिया पर शिवकुमार ने कांग के कोविड प्रबंधन के 10 पहलुओं पर कोट किया और पूछा कि क्या कर्नाटक सरकार उनसे सहमत है? कांग्रेस ने पूछा कि क्या कर्नाटक सरकार उनके वैक्सीन सलाहकार की टिप्पणी से सहमत है कि वैक्सीन की खरीद केंद्र की ओर से की जानी चाहिए न कि राज्यों की ओर से और क्या वे उससे सहमत हैं कि भारत वैश्विक कंपनियों से टीके प्राप्त करने में देरी है?
पार्टी के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'डॉ. कांग को मीडिया में यह कहते हुए कोट किया गया है, 'बाकी दुनिया एक साल से जोखिम पर टीके खरीद रही है, तो क्या हमारे लिए बाजार में सप्लाई उपलब्ध नहीं है और जाकर कहें कि हम भी टीके खरीदना चाहते हैं?' बयान में बताया गया है कि गगनदीप कांग का कहना है कि दिसंबर तक केंद्र सरकार के 2 अरब वैक्सीन डोज के दावे को एक चुटकी नमक के रूप में लिया जाना चाहिए. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार से पूछा कि क्या वह अपने वैक्सीन सलाहकार के आकलन से सहमत है और बताएंगे कि कर्नाटक के सभी वयस्कों को कब तक वैक्सीन लगने की उम्मीद है.
ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहा कर्नाटक
वहीं कर्नाटक में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर अभी जूझना पड़ रहा है. बीते दिन वेंटिलेटर पर डाले गए कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए केंद्रीय कोटे के तहत प्रतिदिन 1,200 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग की तुलना में, राज्य को काफी कम आपूर्ति हो रही है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखे जाने और कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा राज्य के हिस्से की ऑक्सीजन आपूर्ति के निर्देश दिए जाने के बावजूद यह स्थिति है. 30 मई को राज्य को आवश्यकता का आधा हिस्सा यानी 545.85 टन ऑक्सीजन ही मिली. राज्य को 29 मई को 791.85 टन, 28 मई को 686 टन, 27 मई को 730 टन, 26 मई को 875.07 टन और 24 मई को 728 टन ऑक्सीजन ही मिल पाई. कर्नाटक में आठ ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयां चिकित्सा ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं. हालांकि वे भी मांग पूरी करने में असमर्थ हैं.
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