सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बोले- VHP ने कांग्रेस को अपने कुछ पापों को सुधारने का सुनहरा अवसर दिया
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को अपने पाप कम करने का मौका दिया गया था लेकिन पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया जिससे इतिहास उसे हिंदू विरोधी के रूप में आंकना जारी रखेगा। सरमा ने दावा किया कि कांग्रेस शुरुआत …
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को अपने पाप कम करने का मौका दिया गया था लेकिन पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया जिससे इतिहास उसे हिंदू विरोधी के रूप में आंकना जारी रखेगा। सरमा ने दावा किया कि कांग्रेस शुरुआत से ही अयोध्या में राम मंदिर के बारे में अपने विचारों को लेकर इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।
उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "विश्व हिंदू परिषद ने अपने नेतृत्व में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को अपने पाप कम करने का सुनहरा अवसर दिया था।"उन्होंने कहा,"कांग्रेस शुरुआत से ही अयोध्या में राम मंदिर के बारे में अपने विचारों को लेकर इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।" सरमा ने कहा कि कांग्रेस इस निमंत्रण को स्वीकार कर हिंदू समाज से माफी मांग सकती थी।
उन्होंने कहा," पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ जैसा किया था, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राम मंदिर के साथ भी वैसा ही किया। इतिहास उन्हें हिंदू विरोधी पार्टी के रूप में आंकता रहेगा।" सरमा ने पोस्ट के साथ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश द्वारा जारी बयान भी साझा किया जिसमें पार्टी के नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया गया था।
#WATCH कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "मेरे विचार में उन्हें बिल्कुल भी आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। लेकिन VHP ने उन्हें अपने कुछ पापों को सुधारने का एक सुनहरा अवसर दिया। लेकिन… pic.twitter.com/fNj7fowwdp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2024
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को अस्वीकार करने के विपक्षी पार्टी के फैसले की बृहस्पतिवार को आलोचना की और दावा किया कि इससे भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म के प्रति पार्टी का स्वाभाविक विरोध उजागर हो गया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी "ईर्ष्या, द्वेष और हीन भावना" के कारण कांग्रेस देश का विरोध करने की हद तक चली गई है और अब भगवान का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर भारतीय परंपराओं और संस्कृति के उच्चतम मूल्यों का प्रतीक है लेकिन कांग्रेस और समान मानसिकता वाले अन्य विपक्षी दलों के लिए कट्टरपंथी राजनीति अधिक महत्वपूर्ण है।"
Live: Addressing a Press Conference at the Media Centre (ground floor) in New CMO, Lok Sewa Bhawan https://t.co/LfWNeRFQ99
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 11, 2024