चंडीगढ़। हरियाणा में अब राजनीतिक हलचल बढ़ेगी। मुख्य रूप से भाजपा संगठन और सरकार में बदलाव के आसार बन गए हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद संगठन में बदलाव तय हो गया था। मोटे तौर पर बदलाव का खाका भी तैयार हो चुका है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ …
चंडीगढ़। हरियाणा में अब राजनीतिक हलचल बढ़ेगी। मुख्य रूप से भाजपा संगठन और सरकार में बदलाव के आसार बन गए हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद संगठन में बदलाव तय हो गया था। मोटे तौर पर बदलाव का खाका भी तैयार हो चुका है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड जीत हासिल हुई है। तीनों ही राज्यों में मौजूदा मंत्रियों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही। मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान कैबिनेट के कई मंत्री चुनाव हारे हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रियों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ खंगालना शुरू कर दिया है। आने वाले कुछ दिनों में मंत्रियों के विभागों व कैबिनेट में भी थोड़ा-बहुत बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन और सरकार में संभावित बदलाव का प्रारूप प्रदेश यूनिट अपने हिसाब से तय कर चुकी है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी का अभी इंतजार है। अगर केंद्र से हरी झंडी मिलती है तो आने वाले कुछ दिनों में ही संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिलेगा।
तीनों महामंत्री– मोहनलाल बड़ौली, डॉ. पवन सैनी और एडवोकेट वेदपाल की जगह नये चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। इसी तरह आठ से अधिक जिलों के प्रधान बदल सकते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी में भी नये चेहरों को मौका मिलेगा। इस संदर्भ में नायब सिंह सैनी की मुख्यमंत्री के अलावा हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब के साथ भी मोटे तौर पर चर्चा हो चुकी है।
इस बीच, विधानसभा के शीतकालीन सत्र से फारिग होने के बाद बुधवार को सीएम मनोहर लाल नयी दिल्ली पहुंच गये। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वे दिल्ली में केंद्रीय व संघ के नेताओं के साथ भी बैठकें कर सकते हैं। सीएम के दिल्ली जाने के बाद चंडीगढ़ की अफसरशाही और राजनीतिक गलियारों में भी बदलाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम रहा।