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विश्व मृदा दिवस का आयोजन कर कृषि तकनीक का उपयोग कर दी उत्पादकता बढाने की जानकारी

Jantaserishta Admin 4
5 Dec 2023 1:41 PM GMT
विश्व मृदा दिवस का आयोजन कर कृषि तकनीक का उपयोग कर दी उत्पादकता बढाने की जानकारी
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र एवं वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर के तत्वावधान में मंगलवार को विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने विश्व मृदा दिवस की थीम ‘मृदा और पानी जीवन का एक स्त्रौत’ पर चर्चा करते हुए बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि तकनीकी के साथ स्वस्थ मृदा का होना नितान्त आवश्यक है। असन्तुलित ढंग से रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग करने से धरती की सेहत बिगडती रही है एवं उत्पादकता में निरन्तर गिरावट होना प्रारंभ हो गया है। प्रत्येक किसान को अपनी मृदा की जाँच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार फसल का उत्पादन लेंवें एवं रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें। डॉ. यादव ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र जिले का कृषि के क्षेत्र में प्रमुख सलाह केन्द्र है। किसान बेहिचक यहाँ पर आकर कृषि से संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है।

केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. के. सी. नागर ने उत्पादकता के लिए आवश्यक पौषक तत्वों एवं मिट्टी जाँच हेतु नमूना लेने की विधि के साथ बताया कि सही तरीके से गोबर की खाद तैयार कर एवं वर्मी कम्पोस्ट तथा गोबर गैस संयत्र स्लरी का उपयोग करें जिससे कि मृदा में कार्बनिक पदार्थ की वृद्धि हो जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके। वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर के अधीक्षण अभियन्ता एवं पदेन परियोजना प्रबन्धक जितेन्द्र कोठारी ने मृदा अपरदन के कारक एवं रोकथाम पर प्रकाश डाला साथ ही विभागीय योजनाओं जैसे फार्म पोण्ड, फसलों के प्रदर्शन, पशुओं के आवास के बारे मे जानकारी दी। कार्यक्रम में वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर के सहायक एवं कनिष्ठ अभियन्ता ने भी विचार व्यक्त किए। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने मृदा में उपस्थित पोरषक तत्त्वों का फसल उत्पादन में महत्त्व एवं उपयोगिता की जानकारी तथा किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से निरन्तर सम्पर्क स्थापित कर उनके मार्गदर्शन में आवरश्यक पौषक तत्वों की भूमि में उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी जिससे दीर्घकाल तक अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए जैविक खेती अपनाने की तकनीकी के साथ कृषि में ड्रॉन की उपयोगिता बताई। कार्यक्रम में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए तथा 56 किसानों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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