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सेब नाले में फैंकने के मामले में बागवानों को जुर्माने पर BJP मुखर

Shantanu Roy
8 Sep 2023 11:22 AM GMT
सेब नाले में फैंकने के मामले में बागवानों को जुर्माने पर BJP मुखर
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शिमला। सेब नाले में फैंकने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बागवानों को एक-एक लाख रुपए जुर्माना लगाने पर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने जहां इसे अमानवीय घटना करार देते हुए कांग्रेस को बागवान विरोधी सरकार करार दिया है तो वहीं इस फैसले की निंदा करते हुए संयुक्त किसान मंच ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। भाजपा मीडिया प्रदेश प्रभारी कर्ण नन्दा ने कहा कि प्रदेश में आपदा के समय अधिकतर सड़कें बन्द होने के कारण बागवान मंडियों तक सेब पहुंचाने में असमर्थ थे। मजबूरन सेब सड़ने की स्थिति में उन्हें अपना सब नदी-नालों में बहाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बागवानों को राहत देने की बजाय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से नोटिस थमा दिया गया। बागवानों को जहां राहत राशि की उम्मीद थी उलटा उन्हें जुर्माना लगाया दिया गया। कर्ण नंदा ने कहा कि यह सरकार दर्द देकर लोगों को बैसाखियों पर लाने वाली सरकार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि सरकार इस निर्णय जल्द वापस ले और बागवान को राहत प्रदान करे। वहीं हिमालयन सोसाइटी फॉर हॉर्टिकल्चर एंड एग्रीकल्चर डिवैल्पमैंट हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष डिम्पल पांजटा ने बागवानों पर लगाए गए जुर्माने का विरोध करते हुए कहा कि इस फैसले से सरकार का बागवानों व किसानों के प्रति जो रवैया है वह सामने आया है। उन्होंने कहा कि जो वर्तमान सरकार पूर्व में बागवान हितेषी बनती थी, वही सरकार अब बागवान विरोधी बन गई है। उन्होंने कहा कि यह बताया जाए मंडियों और जो एचपीएमसी है वह अपना वेस्ट सेब कहां डिस्ट्रॉय करती है? आपदा के समय सरकार को किसानों-बागवानों के साथ खड़ा होना चाहिए था वहीं सरकार के निर्णय बागवान विरोधी हो गए हैं। सरकार ने बागवानों से जो वायदे किए थे अभी तक उन्हें पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार सरकार को चेताते हुए कहा कि इस निर्णय को वापस लिया जाए अन्यथा बागवानों को इस विषय पर मंथन करना पड़ेगा।
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