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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान | फोटो- ANI
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में में बीते महिनों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका दिया और प्रदेश की गद्दी संभाली। एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 40 विधायक, 10 निर्दलीय और 12 सांसद आए। इसके अलावा शिवसेना के कई पदाधिकारी भी शिंदे गुट में शामिल हुए। शिवसेना छोड़ने का सिलसिला आज भी जारी है। हालांकि, अब इसमें एक नया ट्विस्ट आया है। उद्धव का साथ छोड़ने वाले अधिकांश नेता बेझिझक शिंदे गुट का दामन थाम रहे थे, लेकिन अब उन्हें भारतीय जनता पार्टी से भी कोई परहेज नहीं है। भजपा भी उनका खुले दिल से स्वागत कर रही है। हालांकि, बीजेपी के इस कदम से शिंदे गुट के कई नेता असहज दिख रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं अमरावती जिले के शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के मौजूदा जिलाध्यक्ष राजेश वानखेड़े का। उन्होंने गुरुवार को बीजेपी का दामन थामा। उनके साथ अमरावती जिला परिषद के सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य और कुछ पूर्व नगरसेवक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले अमरावती में चंद्रशेखर बावनकुले के बयान को लेकर बीजेपी-शिवसेना में विवाद बढ़ गया था। चंद्रशेखर बावनकुले ने हाल ही में यह भी संकेत दिया था कि सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा भी भाजपा में शामिल होंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया कि अमरावती से अगला सांसद और बडनेरा से अगला विधायक भाजपा का होगा। शिंदे गुट में शामिल हुए शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल भाजपा प्रदेश के इस बयान से खफा हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य में गठबंधन बनाए रखना है तो बीजेपी को संयम से बोलना चाहिए। अमरावती बुलढाणा शिवसेना का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए भाजपा विधायक और भाजपा सांसद का दावा करना गलत है। आनंदराव अडसुल ने कहा कि चंद्रशेखर बावनकुले को यह ध्यान रखना चाहिए कि सरकार में हम उनके साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह देवेंद्र फडणवीस से बावनकुले के बयान की शिकायत करेंगे।
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