भारत जोड़ो यात्रा का आज समापन, श्रीनगर में राहुल गांधी की रैली
पप्पू फरिश्ता
यात्रा का पहले दिन से अब तक फूल कव्हरेज सिर्फ जनता से रिश्ता में...
14 राज्य और 4000 किमी का सफर...
नई दिल्ली। 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा करने के बाद रविवार को समाप्त हुई कांग्रेस की मेगा भारत जोड़ो यात्रा का समापन समारोह आज श्रीनगर में होगा। भारत जोड़ो यात्रा ने 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए 4,080 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान राहुल गांधी ने 12 जनसभाओं, 100 से अधिक बैठकों, 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। तमिलनाडु से केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश होते हुए जम्मू-कश्मीर तक इस यात्रा को पहुंचने में करीब पांच महीने लगे हैं। इस समारोह में शामिल होने के लिए 21 पार्टियों को आमंत्रण भेजा गया है जबकि पांच राजनीतिक दलों से किनारा कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक आमंत्रित दलों में केवल 12 विपक्षी दल सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होंगे। वहीं कुछ दल सुरक्षा कारणों से इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं।
आज भारत जोड़ो यात्रा का औपचारिक रूप से समापन : भारत जोड़ो यात्रा औपचारिक रूप से सोमवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस मुख्यालय में एक समारोह के साथ समाप्त होगी। इसके बाद शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में राहुल गांधी के नेतृत्व में एक रैली होगी - जहां कांग्रेस और अन्य समान विचारधारा वाले दलों के शामिल होने की उम्मीद है।
रविवार को राहुल गांधी ने लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था : रविवार को कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यात्रा के अंतिम दिन में प्रवेश करते ही श्रीनगर के ऐतिहासिक क्लॉक टॉवर लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ध्वजारोहण के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और जम्मू-कश्मीर के पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
Sheen Mubarak!😊
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 30, 2023
A beautiful last morning at the #BharatJodoYatra campsite, in Srinagar.❤️ ❄️ pic.twitter.com/rRKe0iWZJ9
ये राजनीतिक दल होंगे शामिल : एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई (एम), सीपीआई विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), केरल कांग्रेस, फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), और शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) श्रीनगर में समारोह में भाग लेंगे।
इन राजनीतिक दलों से किनारा : सूत्रों के मुताबिक एआईएडीएमके, जगनमोहन रेड्डी की ङ्घस्क्रष्टक्क, नवीन पटनायक की बीजेडी, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और ्रढ्ढष्ठस्न को आमंत्रित नहीं किया गया है। यानी ये सभी दल इस समापन समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे।
कश्मीर में हालात अच्छे हैं तो लाल चौक तक पैदल क्यों नहीं जाते अमित शाह: राहुल गांधी
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा रविवार को अपने अंतिम पड़ाव जम्मू कश्मीर के श्रीनगर पहुंच गई है। यहां यात्रा संयोजक राहुल गांधी ने तिरंगा झंडा लहराया, उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और एक बार फिर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। राहुल ने गृह मंत्री अमित शाह को सीधे चुनौती दी और कहा कि जम्मू-कश्मीर में टारगेट कीलिंग, ब्लास्ट हो रहे हैं। अगर सुरक्षा व्यवस्था इतनी ही अच्छी है तो बीजेपी, लाल चौक से जम्मू तक यात्रा क्यों नहीं करती। गृह मंत्री अमित शाह जम्मू से कश्मीर तक यात्रा क्यों नहीं करते? मुझे नहीं लगता यहां की सुरक्षा व्यवस्था ठीक है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं सेवानिवृत्त जवानों और लद्दाख के लोगों से मिला। उन्होंने कहा कि चीन ने हमारे 2000 वर्ग किमी जमीन ले ली है। भारत के कई पेट्रोलियम केंद्र अब चीन के हाथों में है। सरकार का इन बातों को नकारना बहुत खतरनाक है। ये चीन के आत्मबल को और बढ़ाएगा। राहुल ने विपक्षी एकता पर भी बयान दिया और कहा- विपक्ष की पार्टियों में जो एकता आती है वो बातचीत से आती है। ये कहना कि विपक्ष बिखरी हुई है, ठीक नहीं है। विपक्ष में मतभेद जरूर हैं मगर विपक्ष एक साथ लड़ेगी। ये विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ क्रस्स्-क्चछ्वक्क वाले हैं और दूसरी तरफ गैर क्रस्स्-क्चछ्वक्क वाले हैं। यात्रा के समापन की पूर्व संध्या पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला। यात्रा का लक्ष्य लोगों को जोडऩा था, नफरत खत्म करना था। लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। ये मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और अच्छा अनुभव रहा है। यात्रा यहीं खत्म नहीं हो रही ये पहला कदम है, शुरूआत है।
यात्रा का असर पूरे देश में है'
राहुल ने कहा कि ये जो भारत की यात्रा है, इसमें कांग्रेसियों से ज्यादा आम जानता चली है। इसने एक अल्टरनेटिव विजन दिया है। इस यात्रा का राजनीति में जबरदस्त असर पड़ेगा। ये यात्रा खत्म नहीं हुई है। ये पहला कदम है। कांग्रेस पार्टी और एक्शन लेगी। मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों से मिला। राज्य के प्रतिनिधित्व की आवाज उठाई। अनुच्छेद 370 पर हमारा स्टैंड बहुत स्पष्ट है और सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। इस यात्रा का असर पूरे देश में है। दक्षिण से उत्तर की ओर भले ही गई, लेकिन पूरे प्रदेश में इसका असर है।
'राज्य का दर्जा बहाल करना जरूरी'
उन्होंने कहा कि राजनेताओं और जनता के बीच मैं दूरी हो गई है। यात्रा के जरिए मैं यहां खुली बांहों और खुले दिल के साथ आया हूं। यहां स्वागत से मैं अभिभूत हूं। विपक्ष में मतभेद हैं, लेकिन हम एकजुट होकर लड़ेंगे। राज्य का दर्जा बहाल करना बहुत जरूरी है और लद्दाख के लोगों की बात सुनी जानी चाहिए कि वे क्या चाहते हैं।
'क्रस्स्-क्चछ्वक्क देश के संस्थागत ढांचे पर हमला कर रहीं'
क्रस्स् और क्चछ्वक्क देश के संस्थागत ढांचे पर हमला कर रही हैं और देश की तमाम संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है। राहुल का कहना था कि लाखों लोगों से मिला और बातचीत की। यात्रा का लक्ष्य भारत को एक करने का था। जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। हिंदुस्तान की जनता की ताकत देखने को मिली। महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे उठाए। मेरे लिए व्यक्तिगत अच्छा अनुभव रहा। भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस की यात्रा नहीं रही। इसने अल्टरनेटिव विजन दिया। इस यात्रा ने देश को एक अलग विजन दिया है। जहां क्चछ्वक्क-क्रस्स् ने देश को नफरत और अहंकार से भरा विजन दिया है। वहीं, कांग्रेस ने देश को मोहब्बत और भाईचारे का विजन दिया है। आज हिंदुस्तान के सामने जीने के यह दो तरीके हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों से मैं मिला, उन्होंने इसी तरह के मुद्दे उठाए, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति। कुछ अन्य मुद्दे राज्य के दर्जे के थे। राहुल ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी देश के संस्थागत ढांचे पर हमला कर रही हैं और देश की तमाम संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है। यह हमले का नतीजा है। मैं बहुत स्पष्ट हूं कि पहला राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली होनी चाहिए। सिर्फ प्रधानमंत्री वही व्यक्ति हैं जिन्हें लगता है कि जमीन नहीं छीनी गई है।