भारत

कोरोना वायरस का बीएफ.7 स्वरूप भारत के लिए चिंताजनक नहीं - वरिष्ठ वैज्ञानिक राकेश मिश्रा

Admin4
23 Dec 2022 9:51 AM GMT
कोरोना वायरस का बीएफ.7 स्वरूप भारत के लिए चिंताजनक नहीं - वरिष्ठ वैज्ञानिक राकेश मिश्रा
x
हैदराबाद। कोरोना वायरस के बीएफ.7 स्वरूप को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करते हुए एक प्रमुख वैज्ञानिक ने शुक्रवार को कहा कि बीएफ.7 ओमिक्रोन स्वरूप का एक उपस्वरूप है और भारत को अपनी आबादी पर इसके संभावित प्रकोप को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.
बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (टीआईजीएस) के निदेशक राकेश मिश्रा ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में हालांकि, आगाह किया कि मास्क पहनने और भीड़ में अनावश्यक जाने से बचने की सलाह को हमेशा मानना चाहिए. सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक ने आगे कहा कि चीन में कोविड-19 के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि दिख रही है, क्योंकि पड़ोसी देश संक्रमण की विभिन्न लहरों से नहीं गुजरा है, जिनका भारत सामना कर चुका है.
उन्होंने कहा कि बीएफ.7 ओमिक्रोन का एक उपस्वरूप है. कुछ छोटे बदलावों को छोड़कर मुख्य संरचना ओमिक्रोन की तरह ही होगी. इसमें कोई बड़ा अंतर नहीं है. हम में से अधिकांश ओमिक्रोन लहर से गुजर चुके हैं. इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. वास्तव में यह वही वायरस है. मिश्रा ने कहा कि चीन अपनी ''शून्य-कोविड नीति'' के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहा है, जिसके तहत अधिकारी अपार्टमेंट इमारतों को बंद कर देते हैं और यहां तक ​​कि एक निवासी में संक्रमण की पुष्टि के बाद उसके पड़ोस के घर को भी बंद कर देते हैं, जिससे लोगों को बहुत असुविधा होती है.
उन्होंने कहा कि चीनी आबादी स्वाभाविक रूप से संक्रमण के संपर्क में नहीं आई है और उन्होंने बुजुर्ग लोगों को टीका लगाने के लिए समय का सदुपयोग नहीं किया. मिश्रा ने चीन की स्थिति के बारे में कहा कि इसलिए जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उनके लक्षण गंभीर हैं. युवाओं को अब भी कोई समस्या नहीं है. लेकिन बुजुर्ग जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था, उनमें यह संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है. उनके अनुसार, अधिकांश भारतीयों ने 'हाइब्रिड इम्युनिटी' हासिल कर ली है, जिसका अर्थ है कि टीकों के माध्यम से और स्वाभाविक संक्रमण के बाद विकसित प्रतिरोधक क्षमता उन्हें कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों से बचाती है.
मिश्रा ने कहा कि भारत में मौजूदा समय में लगाए जा रहे कोविड रोधी टीके ओमिक्रोन के अलग-अलग उपस्वरूप का प्रसार रोकने में असरदार हैं, क्योंकि कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि इस साल की शुरुआत में ओमिक्रोन की बड़ी लहर के दौरान भी भारत में ज्यादातर मरीज अस्पतालों में भर्ती नहीं हुए थे.
Admin4

Admin4

    Next Story