नई दिल्ली: WFI के नए अध्यक्ष के ऐलान के बाद पहलवान बजरंग पूनियाने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है. उन्होंने पीएम के आवास के बाहर फुटपाथ पर अपना पद्मश्री पुरस्कार रख दिया है. पहलवान जब अवॉर्ड लौटाने पीएम के घर पर पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. बजरंग ने सोशल …
नई दिल्ली: WFI के नए अध्यक्ष के ऐलान के बाद पहलवान बजरंग पूनियाने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है. उन्होंने पीएम के आवास के बाहर फुटपाथ पर अपना पद्मश्री पुरस्कार रख दिया है. पहलवान जब अवॉर्ड लौटाने पीएम के घर पर पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
बजरंग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर इसका ऐलान कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को एक पत्र भी लिखा. अपने इस पत्र को उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं. आगे बजरंग ने लिखा कि यही मेरी स्टेटमेंट है. जानकारी हो कि बजरंग पूनिया से पहले गुरुवार को महिला पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया है.
जब मान ही नहीं रहा तो सम्मान का क्या मोल फिर…!
प्रधानमंत्री को अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने जाते वक्त बजरंग पुनिया ने अपना मेडल प्रधानमंत्री आवास के सामने फ़ुथपाथ पर रख दिया है. #BajrangPunia pic.twitter.com/RcUOIK4elV
— Avdhesh Pareek (@Zinda_Avdhesh) December 22, 2023
पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को इस पत्र में लिखा है कि कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने सेक्सुएल हरासमैंट के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने आगे लिखा कि जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था. बजरंग ने इसके बाद अपने पत्र में पहलवानों द्वारा किए गए पूरे विरोध प्रदर्शन के बारे में लिखा. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि गृहमंत्री अमित शाह से हमारी मुलाकात के बाद हमें आश्वासन दिया गया था कि महिला पहलवानों को न्याय मिलेगा.बजरंग पूनिया ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है कि कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है और उसने स्टेटमेंट दी कि दबदबा है और दबदबा रहेगा. उन्होंने लिखा कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें और क्या न करें. उनका कहना है कि जिस कुश्ती के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार मिला, उसमें उनकी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है. बजरंग ने लिखा कि महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं “सम्मानित” बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाउंगा. ऐसी जिंदगी कचोटेगी ताउम्र मुझे. इसलिए ये सम्मान मैं आपको लौटा रहा हूं.