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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को नफरती भाषण मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल कोर्ट) ने राहत दी है। इस मामले को लेकर विपक्ष ने भाजपा को घेरा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को 2019 में नफरती भाषण देने के मामले में एक बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई तीन साल कैद की सजा को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सपा के प्रवक्ता डाक्टर आशुतोष वर्मा ने कहा, "भाजपा झूठे प्रोगंडा करके यह विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है। जिस दिन कोर्ट का डिसीजन आया, उसके अगले दिन भाजपा के लोगों ने आजम की सदस्यता को रद्द करके चुनाव करवा दिया। सरकारी तंत्र के माध्यम से चुनाव जीत लिया। आज जब न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाया है। आजम साहब बरी हुए हैं तो क्या भाजपा सबके सामने माफी मांगेगी।"
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने अंशू अवस्थी ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार लोकतंत्र को कुचल रही है। आजम खां के मामले में जिस तरह की शीघ्रता दिखाई, और सपा चुप बैठी रही। भाजपा विपक्ष को षड्यंत्र के तहत समाप्त करना चाहती है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता को भी षड्यंत्र के तहत निरस्त कराया गया, लेकिन भाजपा को शायद यह नहीं पता कि अब उनके सामने विपक्ष के रूप में जनता आ चुकी है जो लगातार उनको हिमाचल और कर्नाटक में हराकर इस बात को दिखा भी चुकी है।
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने कहा, कोर्ट का जो फैसला आया है, हम उसका स्वागत करते हैं। उसमें कोई दिक्कत नहीं है, अगर पीड़ित पक्ष को लगेगा तो हम ऊपर जाएंगे। उन्होंने कहा, हम इसको पूरा स्टडी कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण को लेकर कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया था। कोर्ट ने तीन साल के लिए जेल की सजा के साथ 25 हजार का जुमार्ना लगाया था। सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद रामपुर विधानसभा सीट रिक्त घोषित करते हुए निर्वाचन आयोग को इसकी सूचना भेज दी गई थी। निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर पिछले साल दिसंबर में उपचुनाव कराया। भाजपा के आकाश सक्सेना ने सपा के आसिफ राजा को हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया।
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