हमीरपुर। भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला उजागर होने के बाद भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव रहे एचएएस अधिकारी डा. जितेंद्र कंवर को दूसरी बार फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया। वे गत 28 दिसंबर, 2023 से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे। आठ जनवरी को उन्हें कोर्ट ने जमानत पर …
हमीरपुर। भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला उजागर होने के बाद भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव रहे एचएएस अधिकारी डा. जितेंद्र कंवर को दूसरी बार फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया। वे गत 28 दिसंबर, 2023 से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे। आठ जनवरी को उन्हें कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया। बता दें कि आरोपी एचएएस अधिकारी को जांच एजेंसी विजिलेंस ने 12 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था। उनकी यह गिफ्तारी पोस्ट कोड 1003 तक तहत कम्प्यूटर आपरेटर और पोस्ट कोड 1036 के तहत होने वाली जूनियर ऑडिटर की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के चलते की गई थी।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा था। उसके बाद उन्हें 28 दिसंबर तक न्यूडिशियल रिमांड मिला था। 28 को उन्हें फिर कोर्ट में पेश किया था, जहां उसे उन्हें दस जनवरी तक फिर न्यायिक हिरासत में भेजा था, लेकिन इस बीच उन्हें जमानत मिल गई। बता दें कि इससे पूर्व भी डा. जितेंद्र कंवर को चार अप्रैल को पोस्टकोड 965 के तहत हुई जेओएआईटी की परीक्षा में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। लेकिन 10 मई, 2023 को उन्हें जमानत मिल गई थी। पहली बार 15 मार्च को इसी परीक्षा लीक मामले में उन्हें एफआईआर में नामजद किया था।
बता दें कि डा. जितेंद्र कंवर आयोग में सचिव के साथ-साथ परीक्षा नियंत्रक और भर्ती रिकार्ड के कस्टोडियन भी रहे है। गौरतलब है कि भर्ती परीक्षा लीक मामले की जांच में लगी विजिलेंस ने अब तक 13 मामले दर्ज किए है, जिसमें दो दर्जन से अधिक गिफ्तारियां भी हुई है। विदित रहे कि हिमाचल में दिसंबर, 2022 को सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश में स्टाफ हमीरपुर स्थित स्टाफ सिलेक्शन कमीशन में पेपर लीक स्केंडल का पर्दाफाश हुआ। जांच में सामने आया था कि दलालों के माध्यम से भर्तियों के पेपर बेचकर मोटी कमाई की जा रही थी। विजिलेंस ने इस मामले में पहली बार 23 दिसंबर, 2022 को हमीरपुर विजिलेंस थाना में एफआईआर दर्ज की थी।