तीनों सेनाओं के समन्वय वाली थिएटर कमांड के गठन की ओर बढ़ रही सरकार अब बेहतर तालमेल बनाने की नीयत से हथियारों की खरीद के लिए संयुक्त व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रही है। इतना ही नहीं भविष्य में थलसेना के अधिकारी वायुसेना या नौसेना में कार्य करते भी दिखाई दे सकते हैं।
बेहतर कार्य संस्कृति वाला माहौल बनाना मकसद
इसके पीछे सेनाओं में बेहतर कार्य संस्कृति वाला माहौल बनाने की सोच है। उच्चपदस्थ सूत्र के अनुसार, केंद्र सरकार का सैन्य मामलों का मंत्रालय आने वाले दिनों में सैन्य बलों में कई तरह के बदलाव करने की रूपरेखा तैयार कर रहा है।
इसके लिए थिएटर कमांड गठित करके सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाने व कम समय-कम ऊर्जा के व्यय से बेहतर परिणाम देने की रणनीति है। लेकिन इसके अतिरिक्त तालमेल बढ़ाने वाले कई कदमों पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इसके तहत बेहतर क्षमता वाले अधिकारी को उसके मूल बल या विभाग से अन्य बल में स्थानांतरित करने जैसा कदम भी है।
इससे सुरक्षा बलों में बेहतर कार्य संस्कृति को विकसित किया जा सकेगा। क्षमता और तालमेल बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त कार्यशालाओं के अतिरिक्त सैन्य अभ्यास भी आयोजित किए जाएंगे।
सेना के स्कूलों में बच्चों को योग्यता के आधार पर प्रवेश
जल्द ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों के निजी कार्यालयों में अन्य बलों या विभागों के लोग दिखाई दे सकते हैं जो उन्हें बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने वाले बिंदुओं पर सलाह दे सकते हैं। इसी प्रकार से किसी सेना द्वारा चलाए जा रहे स्कूल के संचालन का जिम्मा अन्य सेना के अधिकारी या प्रधानाचार्य को दिया जा सकता है। इससे बच्चों को योग्यता के आधार पर बिना भेदभाव के प्रवेश मिलेगा और उनसे बेहतर परिणाम देने वाले बच्चे पढ़कर निकलेंगे