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अप्रैल फूल डे, बेवकूफ बनने के बाद भी कोई नहीं होता नाराज

Nilmani Pal
1 April 2022 1:38 AM GMT
अप्रैल फूल डे, बेवकूफ बनने के बाद भी कोई नहीं होता नाराज
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April Fools' Day 2022: अप्रैल की पहली तारीख (1st April) को हर साल अप्रैल फूल डे मनाया जाता है. इस दिन बच्चे हो या बूढ़े हर कोई एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने की खेल में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता है. सबसे खास बात है कि मूर्ख बनने के बाद भी कोई किसी भी गुस्सा नहीं होता, बल्कि खुद ही उस खेल में शामिल हो जाता है.

इस दिन के बारे में आपने कई सारे किस्से और कहानियां सुनी होंगी. हालांकि, बेहद कम लोगों को मालूम होगा आखिर अप्रैल फूल-डे मनाने के शुरुआत कहां और कैसे हुई. यहां हम आपको इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं को बारे में बता रहे हैं.

कहा जाता है कि साल 1381 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी. दरअसल, इंग्लैंड के राजा (King of England) रिचर्ड द्वितीय (Richard II) और बोहेमिया की रानी ऐनी (Anne, Queen of Bohemia) ने सगाई का ऐलान कर दिया था. सगाई की तारीख रखी गई 32 मार्च. लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है. हालांकि, जब जश्न मनाने से लोगों को फूर्सत मिली तो एहसास हुआ कि कैलेंडर में 32 मार्च जैसी कोई तारीख ही नहीं है, तब जाकर उन्हें समझ आया वह तो तगड़े वाले बेवकूफ बन गए हैं. इसके बाद से अप्रैल फूल डे मनाना शुरू कर दिया गया. इस दिन से जुड़ी हई एक मान्यता यह भी है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप ने फ्रांस में पुराने कैलेंडर को बदल दिया. उसकी जगह एक नया रोमन कैलेंडर लॉन्च किया गया. इसके बावजूद बहुत सारे लोग पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही चलते रहे. इसके बाद वहां भी इस दिन को अप्रैल फूल डे मनाना शुरू कर दिया गया.

.कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में 19वीं सदी में अंग्रेजों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. पिछले कुछ सालों से इसे मनाने का क्रेज बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े मीम्स जोक्स जमकर वायरल होते हैं. हालांकि मजाक करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें कि आपकी किसी भी बात से लोगों को ठेस ना पहुंचे.

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