ट्विटर (अब एक्स कार्प) ने एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसने केंद्र के आदेशों को चुनौती देने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने 30 जून को अपने फैसले में ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
कोर्ट में ट्विटर ने क्या दिया तर्क
ट्विटर द्वारा दायर अपील हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष आएगी। ट्विटर का मुख्य तर्क यह था कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने खाताधारकों को नोटिस जारी किए बिना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत ब्लॉकिंग आदेश जारी किए थे।
एक अगस्त को दायर अपील को अभी भी हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना बाकी है। अपील में 50 लाख रुपये के जुर्माने को अन्यायपूर्ण और अत्यधिक बताते हुए चुनौती दी गई है और इसे निलंबित रखने की अंतरिम राहत की मांग की गई है।
ट्विटर को 14 अगस्त के भीतर जुर्माना भरने का आदेश दिया गया
एकल न्यायाधीश पीठ ने ट्विटर को 14 अगस्त के भीतर जुर्माना भरने का आदेश दिया है। आदेश में यह भी कहा गया गया है कि यदि ट्विटर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।
ट्विटर ने दावा किया था कि सरकार ने दो फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच 10 सरकारी आदेश जारी कर 1,474 अकाउंट, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। ट्विटर ने इनमें से 39 यूआरएल से जुड़े आदेशों को चुनौती दी थी।