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प्रतापगढ़: घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में कार्रवाई न होने की शिकायत पर एडीजी प्रेमप्रकाश ने महिला अफसर से जेठवारा थाने के दरोगा राजेश राय को फोन लगवा दिया। फोन पर दरोगा ने घूस की पेशकश पर हामी भर दी। एडीजी के आदेश पर एसपी ने आरोपी दरोगा के साथ जेठवारा एसओ को सस्पेंड कर दिया है।
जेठवारा थाना क्षेत्र के सरायनाहरराय गांव निवासी रविशंकर मिश्र ने कुछ माह पहले घर में घुसकर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। रविशंकर मिश्रा की बहू प्रिया मिश्रा लखनऊ में बाल विकास विभाग में अफसर हैं। मामले में कार्रवाई न होने पर शुक्रवार को प्रिया एडीजी प्रयागराज प्रेमप्रकाश से मिलने पहुंचीं।
एडीजी ने प्रिया की बात सुनने के बाद मुकदमे की विवेचना कर रहे दरोगा राजेश राय को फोन लगवा दिया। पुलिस के अनुसार, प्रिया ने बातचीत में दरोगा से कहा कि मुकदमे में चार्जशीट लगा दें। आरोपियों पर कार्रवाई करने में मेरे परिवार की मदद करें। रुपये आपके खाते में पहुंच जाएंगे। बातचीत के दौरान दरोगा ने हामी भर दी।
इससे नाराज एडीजी ने पुलिस अधीक्षक को फोनकर पूरे थाने को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। मामला समझने के लिए पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल रात में जेठवारा पहुंचे। करीब पांच घंटे तक छानबीन करने के बाद उन्होंने एडीजी को प्रकरण से अवगत कराया
पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने शनिवार को जेठवारा थानाध्यक्ष आदित्य सिंह को निलंबित कर दिया, जबकि रविवार को दरोगा राजेश राय को भी निलंबित करते हुए इंस्पेक्टर अजीत शुक्ला को जेठवारा थानाध्यक्ष बनाया।
एडीजी ने जेठवारा थाने में तैनात दरोगा राजेश राय को मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का निर्देश दिया था। एसपी की छानबीन में पता चला कि रविशंकर मिश्रा के दर्ज कराए गए मुकदमे में चार्जशीट दरोगा ने 18 अगस्त को ही न्यायालय भेज दी थी। ऐसे में दरोगा राजेश राय जेल जाने से बच गया। गत दिनों प्रदेश के तीन मंत्रियों के जिले में आने पर भाजपाइयों ने भी जेठवारा थानाध्यक्ष पर शिकायतें न सुनने व अभद्रता करने के आरोप लगाए थे।
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