x
कर्नाटक में बीते एक दिन में कोविड के 366 नए मामले सामने आए
बेंगलूरु. कर्नाटक में बीते एक दिन में कोविड के 366 नए मामले सामने आए। राज्य में अब तक संक्रमित कुल 39,40,795 लोगों में से 38,94,333 लोग स्वस्थ हुए हैं। इनमें से 801 लोग रविवार को संक्रमण से उबरे। कोविड से कुल 39,936 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 17 मौतों की पुष्टि रविवार को हुई। राज्य में अब 6,488 एक्टिव मामले हैं। रिकवरी दर 98.82 फीसदी और टेस्ट पॉजिटिविटी दर (टीपीआर) 0.69 फीसदी है। राज्य में केस फेटालिटी दर बढ़कर 4.64 फीसदी पहुंच गई है।
बेंगलूरु शहर में 224 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की तादाद 17,78,361 हो गई है। हालांकि, इनमें से 17,57,805 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। शहर में अब 3,648 एक्टिव मामले ही है। कोविड से 16,907 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने 11 मौतों की पुष्टि रविवार को की।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में गत 24 घंटे में 11,308 रैपिड एंटीजन और 41,167 आरटी-पीसीआर जांच सहित कुल 52,475 नए सैंपल जांचे। 15,032 लोगों का टीकाकरण हुआ।
जनवरी में हुई सबसे अधिक करीब 54 लाख कोविड जांच
बेंगलूरु. राज्य में अब कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव बेहद कम हो चुका है। दैनिक जांचों की संख्या में भी करीब 40 फीसदी कमी आई है। बीते दो माह से दैनिक जांचों की संख्या में उतार-चढ़ाव जारी है। जांच बढ़ते ही मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। मगर, विशेषज्ञों के अनुसार टेस्ट पॉजिटिविटी दर (टीपीआर) डेढ़ फीसदी से कम होने के कारण स्थिति नियंत्रण में है। बीते एक वर्ष के दौरान जनवरी 2022 में सबसे ज्यादा 54,08,790 नमूनों की जांच हुई।
नोडल अधिकारी (लैब और टेस्टिंग) डॉ. सी. एन. मंजूनाथ ने बताया कि जांचों की संख्या से ज्यादा टीपीआर पर नजर रखने की जरूरत है। टीपीआर तेजी से घटी है। कोविड से जुड़ी पाबंदियों का पालन जरूरी है। कई लोगों को मास्क पहनने में परेशानी जरूर हो रही है। लोग इससे छुटकारा पाते हैं। लेकिन, फिलहाल ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
राज्य कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति (टीएएसी) ने भी दैनिक जांचों की संख्या 75 हजार तक करने की सिफारिश की है। 25 हजार जांच अकेले बेंगलूरु शहर में होनी है।
टीएसी के अध्यक्ष डॉ. एम. के. सुदर्शन ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने लक्षित जांच की सिफारिश की है। सिंप्टोमेटिक लोगों को ही जांचने की बता कही है। दिशा-निर्देशों के अनुसार रैंडम टेस्टिंग लगभग बंद कर दी गई है। भविष्य में मामले बढऩे पर टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी।
टीएसी के सदस्य डॉ. वी. रवि ने बताया कि अस्पतालों और विशेषकर आइसीयू, हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती मरीजों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग पर ज्यादा ध्यान है। कोविड क्लस्टरों से भी नमूने लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स पर निगाह रखने के लिए यह जरूरी है। इससे आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर का प्रभाव लगभग कमजोर पड़ चुका है। ऐसे में संक्रमितों के असिंप्टोमेटिक कॉन्टैक्ट्स को जांचने की जरूरत नहीं है।
Next Story