देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेटियों ने कमर कस ली है. आतंकवाद हो या नक्सलवाद या फिर धरना और विरोध-प्रदर्शन, सबसे निपटने के लिए सीआरपीएफ की महिला अधिकारी तैयार हैं. गुरूवार को गुड़गांव स्थित कादरपुर एकेडमी में सीआरपीएफ की पासिंग आउट परेड में 117 अधिकारियों में 3 महिलाएं भी शामिल थीं. इन तीनों लेडी ऑफिसर्स ने देश की इंटरनल-सिक्योरिटी के समक्ष चुनौतियों से लड़ने का संकल्प दोहराया. ये महिला अधिकारी आने वाले समय में वीवीआईपी की सिक्योरिटी में तैनात होंगी. सीआरपीएफ के दीक्षांत समारोह (पासिंग आउट परेड) में 117 गैजेटेड ऑफिसर्स ने देश की सेवा और सुरक्षा की शपथ ली. ये सभी अधिकारी देश के 21 अलग अलग राज्यों से ताल्लुक रखते हैं. सीआरपीेएफ में इन सभी अधिकारियों की तैनात कंपनी कमांडर (अस्सिटेंट कमांडेंट रैंक) के तौर पर होगी. इन अधिकारियों में तीन लेडी ऑफिसर शामिल हैं. ये तीन महिला अधिकारी हैं, मध्य प्रदेश की पूनम गुप्ता, दिल्ली की मेघा नायर और केरल की ऐश्वर्या जॉय.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में तीनों महिला अधिकारियों ने कहा कि वे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए पूरी तैयार हैं. उन्होनें कहा कि वे कश्मीर हो या नक्सल क्षेत्र कहीं पर भी तैनात होने के लिए तैयार हैं. उन्होनें बताया कि करीब एक साल की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें हथियारों के प्रशिक्षण के साथ साथ धरना और विरोध-प्रदर्शन को संभालने के लिए खास ट्रेनिंग मिली है. ऐश्वर्या के पिता बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ में कार्यरत थे, इसलिए वहां से यूनिफॉर्म पहनने की प्रेरणा मिली. मेघा और पूनम ने कहा कि वे दोनों देश सेवा करने के लिए सीआरपीएफ में शामिल हुई हैं.
इस अवसर पर प्रशिक्षु-अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह राज्यमंत्री, नित्यानंद राय ने कहा कि आप सभी आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा और समाज विरोधी लोगों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. एक कंपनी कमांडर के तौर पर शांति और सौहार्द बनाने में आपकी अहम भूमिका होगी. CRPF के राजपत्रित अधिकारियों के 52वें बैच की पासिंग आउट परेड के कार्यक्रम में गृह राज्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में सीआरपीएफ की तैनाती से पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई है. उन्होनें कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने में सीआरपीएफ ने अहम भूमिका निभाई है. नित्यानंद राय के मुताबिक, सीआरपीएफ की तैनाती से नक्सल प्रभावित इलाकों का दायरा भी कम हुआ है. दीक्षांत समारोह में प्रशिक्षु अधिकारियों ने मार्च पास्ट किया और गृह राज्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.