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देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में शिक्षकों के 11 हजार पद खाली

Rani Sahu
12 Dec 2022 2:49 PM GMT
देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में शिक्षकों के 11 हजार पद खाली
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| देशभर के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के कुल 11 हजार से भी अधिक पद खाली हैं। जिन उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के पद खाली हैं, उनमें आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रसिद्ध और बेहतरीन शिक्षा संस्थान भी शामिल हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। उनके मुताबिक, देशभर के अलग-अलग केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में 11 हजार फैकेल्टी पद खाली हैं। प्रधान ने सोमवार को लोकसभा को यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात बताई।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18,956 स्वीकृत पद हैं। इनमें से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 6180 पद खाली हैं। वहीं यदि देश के आईआईटी यानी कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की बात की जाए तो यहां कुल 11,170 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 4,502 पद खाली हैं। इसी तरह भारत के प्रबंधन संबंधी शीर्ष शिक्षण संस्थानों यानी आईआईएम में शिक्षकों के 1,566 पदों में से 493 पद खाली हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कहना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में पद रिक्त होना और उन्हें भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। शिक्षा मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि देशभर के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय स्वायत्त निकाय हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया उनके वैधानिक निकायों द्वारा तय अधिनियमों और यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाती है।
शिक्षा मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, समेत सभी संबंधित शिक्षा संस्थानों को मिशन मोड में रिक्तियां भरने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने शिक्षकों की भर्ती के लिए इन सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को पत्र लिखा है। वहीं इस संबंध में मंत्रालय ने एक मासिक निगरानी तंत्र भी स्थापित किया है। मंत्रालय के मुताबिक, विभिन्न स्तर एवं संस्थानों में खाली पदों में 961 पद एससी, 578 एसटी और 1,657 ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। ईडब्ल्यूएस के 643 और पीडब्ल्यूडी श्रेणी के 301 पद खाली पड़े हैं।
शिक्षाविदों के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बीते कई दशकों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। विश्व विद्यालयों में शिक्षकों की यह कमी साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। बीते सत्र में शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, शिक्षकों की रिक्तियों के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी लगभग 900 रिक्तियों के साथ पहले नंबर पर है, जबकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय 622 रिक्त पदों के साथ दूसरे नंबर पर है।
--आईएएनएस
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