, पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्र के विभिन्न इलाकों में हो रहे प्रयासों का जिक्र किया और देशवासियों से इन अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की 103वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने सावन के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी रेखांकित किया.
उन्होंने बोला कि इस वजह से राष्ट्र के ज्योर्तिलिंगों में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ भी हो रही है. मोदी ने कहा, “बारिश का यही समय वृक्षारोपण और जल संरक्षण के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने 60 हजार से अधिक अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है. अभी 50 हजार से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम जारी है. हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नये-नये कोशिश कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के पकरिया गांव में जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा सौ कुओं को पुनर्विकसित करने और यूपी में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकार्ड बनाए जाने का उल्लेख किया. उन्होंने बोला कि ऐसे कोशिश जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं. मोदी ने कहा, “मैं चाहूंगा कि हम सभी पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें.” सावन के महीने का जिक्र करते हुए मोदी ने बोला कि राष्ट्र के लोगों की आस्था और यहां की परंपराओं का एक पहलू और भी है कि ये जीवन को गतिशील बनाती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. सावन की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. आपको यह जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है. अब काशी में हर वर्ष 10 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं.”
मोदी ने बोला कि इसी तरह अयोध्या, मथुरा और उज्जैन जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे लाखों लोगों का रोजगार भी मिल रहा है. उनका जीवन यापन हो रहा है. यह सब हमारे सांस्कृतिक जनजागरण का रिज़ल्ट है. इसके दर्शन के लिए अब तो पूरी दुनिया के लोग हमारे तीर्थ स्थलों पर आ रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा करने वाले दो अमेरिकी नागरिकों का उल्लेख करते हुए बोला कि यही हिंदुस्तान की विशेषता है कि वह सबको अपनाता है, सबको कुछ न कुछ देता है. इसी क्रम में पीएम ने फ्रांस की 100 वर्षीय स्त्री शारलोट शोपा से पेरिस में हुई अपनी मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि वह इस उम्र में भी योगाभ्यास करती हैं तथा इसे अपने बेहतर स्वास्थ का कारण मानती हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘हम न सिर्फ़ अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें. अपनी परंपराओं, अपनी धरोहरों को जीवंत रखने के लिए हमें उन्हें सहेजना होता है, उन्हें जीना होता है, उन्हें अगली पीढ़ी को सिखाना होता है.” उन्होंने इस दिशा में राष्ट्र में हो रहे प्रयासों पर प्रसन्नता जताई.