मोबाइल का अधिक उपयोग बन रहा माइग्रेन का कारण, मासूमों को सता रहा सिर दर्द
रायसेन। मोबाइल का ज्यादा उपयोग बन रहा मासूम बच्चों के लिए सिर दर्द का कारण। मासूमों का नेत्र विभाग में इलाज कराने के लिए घण्टों लाइनों में खड़े होकर परिजन हो रहे परेशान। इसलिए जरूरी बच्चों का ध्यान….. जिला अस्पताल के नेत्र रोग चिकित्सक डॉ शरद साहू ने बताया कि रेडी टू इट, फास्ट व …
रायसेन। मोबाइल का ज्यादा उपयोग बन रहा मासूम बच्चों के लिए सिर दर्द का कारण। मासूमों का नेत्र विभाग में इलाज कराने के लिए घण्टों लाइनों में खड़े होकर परिजन हो रहे परेशान।
इसलिए जरूरी बच्चों का ध्यान…..
जिला अस्पताल के नेत्र रोग
चिकित्सक डॉ शरद साहू ने बताया कि रेडी टू इट, फास्ट व जंक फूड, रेडिमेड मसाले बच्चों के लिए खानपान के मामले में नुकसानदायक साबित हो रहे हैं। इनमें चिली पैपर, दालचीनी, चीज, टमाटर-आलू या इनसे बने पैक्ड प्रोडक्ट आदि शामिल हैं। इनके सेवन के तुरंत बाद बच्चे असहज या सिर में दर्द महसूस करते हैं।तो परिजन इसका ध्यान रखें और बच्चों को ऐसे खाने से दूर रखें। पर्याप्त नींद, मोबाइल से दूरी, खानपान में सुधार के साथ बच्चों को तेज धूप और तेज रोशनी से बचाएं। बच्चों को हेडफोन, ईयर बड्स ज्यादा देर न लगाने दें।
खाली पेट नहीं भेजे बच्चों को बाहर….
जिला अस्पताल की नेत्र रोग की ओपीडी में रोजाना 6 - 8 बच्चे माइग्रेन से पीड़ित आ रहे हैं। नियमित इलाज लेने पर तीन से छह महीने में ठीक हो जाते हैं। अचानक होने वाले दर्द और एंटी माइग्रेन की दवा अलग से चलती है। ध्यान रहे बच्चों को खाली पेट स्कूल या घर से बाहर नहीं भेजें।- डॉ. अनिल ओढ़ सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय रायसेन।
इन दिनों जिला अस्पताल में माता पिता कम उम्र के बच्चों में सिर दर्द की समस्या का इलाज कराने बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। पहले 18 से 25 साल के युवा यदा - कदा इस बीमारी से परेशान होकर पहुंचते थे।लेकिन अब कम उम्र के बच्चों में सिर दर्द की समस्या हो रही है। चिकित्सकों का मानना है कि तय समय से अधिक देर तक मोबाइल का उपयोग बच्चों को इंटरनेट का आदि बना रहा है। ऐसे में बच्चों में सिर दर्द, आंखों में दर्द, पानी निकलने की समस्याएं सामान्य के मुकाबले अधिक हो रही है। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने सलाह दी है कि बच्चे अगर लगातार सिर दर्द की शिकायत करें तो स्वयं चिकित्सक बनकर दवा देने के बजाए बेहतर उपचार कराए। क्योंकि ये माइग्रेन की बीमारी हो सकती है।
शहर में इन दिनों कई घर में बच्चों में सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी होने, घबराहट होने आदि की समस्याएं सामने आ रही है। आमतौर पर परिवार के सदस्य ऐसे मामले में घर के करीब की दवा दुकान से दवा लाकर दे देते है। चिकित्सकों का मानना है कि ये करना बच्चे के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। आलम यह है कि जिला चिकित्सालय की नेत्र रोग की ओपीडी में इस तरह के मामले सामने आ रहे है जहां पूरी जांच करने पर बच्चों में माइग्रेन की समस्या सामने आ रही है।
बच्चों में तेजी से बढ़ रहा माइग्रेन…..
जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञों का कहना है कि माइग्रेन की समस्या अब हर आयु वर्ग के लोगों में रहने लगी है। खासकर बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसकी वजह तनाव, कॉम्पीटिशन, वंशानुगत, नींद की कमी, गलत खानपान, बिगड़ी जीवनशैली के अलावा इंटरनेट का अधिक उपयोग भी कारण है। विशेषज्ञों का कहना है आधे या पूरे सिर में दर्द से ही माइग्रेन का अंदेशा नहीं लगाया जा सकता है।बल्कि बार-बार उल्टी होना, दृष्टि बाधित होना, पेट में दर्द, जी मिचलाना भी इसके कारण है। सर्दी में माइग्रेन के केस ज्यादा बढ जाते हैं, क्योंकि ठंड से मांसपेशियां सिकुडऩे लगती हैं।