पश्चिम बंगाल

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई और एनआईए को दिया निर्देश, कहा की जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले की जांच करें

Bharti sahu
21 May 2022 8:36 AM GMT
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई और एनआईए को दिया निर्देश,  कहा की जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले की जांच करें
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कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने सीबीआई और एनआईए को निर्देश दिया है कि वे पश्चिम बंगाल के मालदा में कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले की जांच करें।

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने सीबीआई और एनआईए को निर्देश दिया है कि वे पश्चिम बंगाल के मालदा में कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले की जांच करें। कोर्ट के सामने रिट याचिका दायर कर दो महिलाओं ने दावा किया है कि उनके पतियों, रिश्तेदार भाइयों और जिले के कालियाचाक इलाके के निवासियों को जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर हिन्दू से मुसलमान बना दिया गया। याचिकाओं में उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा चुनाव में एक पार्टी के पक्ष में काम करने की सजा के तौर पर उनके साथ ऐसा किया गया।

याचिका दायर करने वाली दोनों बहनों ने कहा है कि पिछले साल 24 नवंबर से उनके पति लापता थे और सूचित करने के बावजूद पुलिस ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि दोनों ने स्वेच्छा से इस्लाम अपनाया है और उनके पति घरेलू झगड़े के कारण घर छोड़कर गए हैं। जस्‍टिस राजशेखर मंथा ने गुरुवार को कहा क‍ि चूंकि एनआईए और सीबीआई इस मामले में पक्ष हैं, इसलिए रिट याचिका में लगाए गए आरोपों के संबंध में उन्हें अपनी ओर से पक्ष रखना चाहिए।
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जबरन धर्म परिवर्तन की जांच जरूरी
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से लगाए गए अन्य आरोप जैसे कि जबरन धर्म परिवर्तन, सीमा पार से घुसपैठ, धमकियां, भारी मात्रा में हथियारों का भंडारण और जाली नोट आदि की एजेंसियों की ओर से जांच की जानी जरूरी है। आदेश में कहा गया है कि ये आरोप रिट याचिका दायर करने वालों के दावों से सीधे न जुड़ा हो, लेकिन याचिकाकर्ताओं के पतियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है।
21 जून को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने मालदा जिले के पुलिस अधीक्षक को भी निर्देश दिया है कि वह हलफनामे के रूप में अपनी स्वतंत्र विस्तृत रिपोर्ट सौंपे। जस्‍ट‍िस मंथा ने कहा कि पुलिस को याचिकाकर्ताओं की जान के खतरे को देखते हुए उनकी सुरक्षा की समीक्षा करनी चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अदालत के आदेश का स्वागत किया है। विहिप सचिव (पूर्वी क्षेत्र) अमिय कुमार सरकार ने एक बयान में राज्य में "अवैध धर्मांतरण" को रोकने के लिए एक मजबूत धर्मांतरण रोधी कानून लाए जाने की भी मांग की।'


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