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उत्तराखंड न्यूज: ग्रामीणों ने अस्पताल में सुविधाओं को लेकर उठाए सवाल, टिहरी जिले में डॉक्टरों की कमी हुई पूरी
Gulabi Jagat
6 Aug 2022 2:07 PM GMT
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उत्तराखंड न्यूज
टिहरी: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं (healthcare facilities in uttarakhand) को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों से लगाया जा सकता है. राज्य का गठन 21 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी पहाड़ी जिलों में रहने वाले लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों की भी इलाज के लिए मैदानी जिलों के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है. टिहरी जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाये है. ग्रामीणों का कहना है कि मात्र डॉक्टर भेजेंने से समस्या का हल नहीं होगा. डॉक्टर के साथ अस्पताल में सुविधाओं की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
उत्तराखंड की जहां तक बात की जाए तो स्वास्थ्य विभाग में 24,451 राजपत्रित और अराजपत्रित पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 8,242 पद वर्तमान में रिक्त हैं, जो कुल स्वीकृत पदों का करीब 34% है. हालांकि, सरकार लंबे समय से डॉक्टर को पहाड़ चढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकांश राजकीय मेडिकल कॉलेज पढ़ाई पूरी करने वाले डॉक्टर भी पहाड़ में पोस्टिंग से कतराते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बांड सिस्टम भी शुरू किया गया है. जिसके तहत राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिला (admission in government medical college) लेने वाले छात्रों को फीस में छूट दी जाती है. इस छूट के बदले छात्रों को 5 साल के लिए पहाड़ों में पोस्टिंग के लिए बॉन्ड भरवाया जाता है.
टिहरी जिले में डॉक्टरों की कमी हुई पूरी.
बात करें टिहरी की तो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर तो जिले में चिकित्सा अधिकारी के 234/178 स्वीकृत पद हैं. जिनमें 133/168 कार्यरत हैं और 1/10 पद रिक्त हैं. वहीं, जिला मलेरिया अधिकारी की 1 पद स्वीकृत है, जो अभी तक रिक्त चल रहा है. जिला सहायक प्रतिरक्षण अधिकारी के 2 पद स्वीकृत हैं. 2 में ही कार्यरत हैं. प्रभारी फार्मेसी अधिकारी का एक पद स्वीकृत है, जिसमें एक कार्यरत है. चीफ फार्मासिस्ट 6 पद स्वीकृत है. 4 पद कार्य कार्यरत हैं. जिनमें 2 पद रिक्त पड़े हुए हैं.
वहीं, फार्मासिस्ट के 153 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 130 पर कार्यरत हैं और 23 पद रिक्त हैं. वरिष्ठ अधिकारी के 5 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 2 लोग कार्यरत है और 3 पद रिक्त हैं. वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के 138 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 30 पद पर कार्यरत है और 108 पद रिक्त हैं. लैब टेक्नीशियन 30 पद स्वीकृत है, जिनमें 12 पद कार्यरत रहे हैं और 18 पद रिक्त हैं. एक्स-रे टेक्नीशियन 14 पद स्वीकृत है, जिसमें 2 पद पर कार्यरत हैं और 12 पद रिक्त हैं.
डार्क रूम सहायक के 4 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 1 कार्यरत 3 खाली हैं. डेंटल हाइजीनिस्ट के 13 पद स्वीकृत हैं. 5 पद भरे हैं और 8 पद खाली हैं. फिजियोथेरेपिस्ट 2 पद स्वीकृत है. जिसमें 1 पद में कार्यरत और 1 खाली है. मिनिस्ट्रियल कार्मिक के 45 पद स्वीकृत है और 23 पद पर कार्यरत है. जबकि 22 रिक्त हैं. एनएमए 18 पद स्वीकृत हैं, जिनमें सभी पद खाली है. एनएमएस में 10 पद स्वीकृत हैं और सभी पद खाली हैं. एचई में 1 पद स्वीकृत हैं.
वाहन चालक 32 पद स्वीकृत है. 18 कार्यरत है और 14 पद खाली हैं. स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला 253 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 164 पद कार्यरत और 89 पद खाली चल रहे हैं. स्वास्थ्य पर्यवेक्षक महिला 29 पद स्वीकृत हैं. जिसमें 21 कार्यरत है और 8 पद खाली चल रहे हैं. स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष 63 पद स्वीकृत है. जिसमें 6 कार्यरत है और 57 पद खाली है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष 102 पद स्वीकृत हैं. जिसमें सभी 102 पद खाली हैं. चतुर्थ श्रेणी क कार्मिक 291 स्वीकृत है. जिसमें 179 कार्यरत और 112 खाली है.
टिहरी जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट (Tehri District Health Department Report) अनुसार, जिले में सभी पदों में 1,225 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 613 पद पर कार्यरत हैं और 612 पद रिक्त चल रहे हैं. टिहरी जिले 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक जिला अस्पताल, एक उप जिला चिकित्सालय, 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, टिहरी जिले के दूरस्थ इलाके के दल्ला, अखोड़ी में डॉक्टर भेजना बाकी है. इसके अलावा जिले में डॉक्टरों की कमी दूर हो गई है. सभी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी भवनों में चल रहे हैं. जिले में सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डोबरा में है, जिसे टीएसडीसी को बनाना है.
मरीजों के परिजनों ने बताया कि टिहरी जिले में अगर डॉक्टरों की कमी दूर हुई है तो, वह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. क्योंकि जो डॉक्टर इलाज करेगा, उसको उस जगह पर सुविधाएं भी चाहिए. जिससे डॉक्टर मरीजों का इलाज कर सकें. क्योंकि जब डॉक्टर के पास सुविधाएं होगी तब जाकर मरीज इलाज करवा पाएंगे और मरीजों को देहरादून, ऋषिकेश की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा. इसलिए सरकार को चाहिए कि डॉक्टर के साथ-साथ एक्स-रे, लैब और दवाइयों की सुविधाएं हर स्वास्थ्य केंद्रों पर होनी चाहिए.
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