उत्तराखंड
उत्तराखंड न्यूज: जल संवर्द्धन और संरक्षण की जागरुकता मुहिम में सोमेश्वर में हुई गोष्ठी
Gulabi Jagat
20 Oct 2022 1:49 PM GMT
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अल्मोड़ा, 20 अक्टूबर 2022-कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने हेतु जनसहभागिता के लिए तहसील सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने, समुदाय से सुझाव इकठ्ठा करने, स्थानीय स्तर पर जंगलों,जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु टीम गठित करने पर चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता सुरेश बोरा, ग्राम प्रधान अर्जुनराठ ने की।s
कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधानों, सरपंचों, को गजेन्द्र पाठक, फार्मेसिस्ट, स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों के जल स्तर में आ रही गिरावट के लिए जिम्मेदार कारकों मानवीय जरूरतों यथा कृषि उपकरणों और जलौनी लकड़ी के लिए मिश्रित जंगलों के अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन,वनाग्नि और वैश्विक तापवृद्धि से उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई।
जंगलों का अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन रोकने, ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित करने हेतु मार्च महीने तक ही ओण/आडा़/केडा़ जलाकर वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग करने और ग्रीष्म ऋतु में जंगलों की आग पर नियंत्रण पाने में वन विभाग को सूचना/ सहयोग देने की अपील की गई। वर्षाजल के संरक्षण के लिए गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य करने की भी अपील की गई।
कार्यक्रमों में उपस्थित लोगों द्वारा कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान के संबंध में निम्नलिखित विवरणानुसार सुझाव दिए गए।
भूपेंद्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, ग्राम ककराड़ -जंगलों की आग को रोकने के लिए देवदार जैसी प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाना चाहिए।
शिवेंद्र बोरा, सामाजिक कार्यकर्ता ,अर्जुनराठ -हमारे गांव में वर्ष 2017 -18 से मेरा गांव मेरा जंगल कार्यक्रम के तहत पौधारोपण कर जंगल विकसित किया जा रहा है इस तरह के प्रयास अन्यत्र भी किये जा सकते हैं।
कुंदन बोरा ग्राम प्रधान गुरडा़ -ग्राम सभाओं द्वारा अपने अपने गधेरों को स्वच्छ रखना चाहिए और पालीथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए।
विनोद पांडेय सरपंच पल्यूडा़ -जंगलो की आग जल स्त्रोतों के लिए सबसे बड़ा खतरा है इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जनसहभागिता जरुरी है। सक्रिय वन पंचायतों को वन विभाग से सहयोग मिलना चाहिए।
ग्राम प्रधान अर्जुनराठ सुरेश बोरा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों मे सभी संबंधित विभागों के कर्मचारियों पूर्ण मनोयोग से सहयोग करना चाहिए। जंगलों को संरक्षित एवं संवर्धित करने हेतु महिलाओं और युवाओं का सहयोग जरूरी है।
मनोज लोहनी,वन क्षेत्राधिकारी, सोमेश्वर रेंज ने कहा कि "हमें अपने और आने वाली पीढ़ियों के अच्छे भविष्य के लिए मिश्रित जंगलों की रक्षा करनी चाहिए।"
कार्यक्रम में सर्पमाला, पल्यूडा़, अर्जुनराठ, मल्ला खोली,रतुराठ,बैंगनिंयां,रैत, जैंचोली,बूंगा,गुरडा़,टाना,सजोली,बचुराडी़,ढूमणगांव, मेहरागांव, धौलरा गांवों के ग्राम प्रधान, सरपंच, महिला मंगल दलों की महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के सुचारू संचालन में वन विभाग, राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों द्वारा सहयोग दिया गया।
कार्यक्रम में किशोर चंद्र,लक्ष्मण सिंह मेहरा, श्याम सुन्दर बोरा, रणजीत नयाल, सुरेंद्र रावत, आंनद राम, दीवान नाथ गोस्वामी,कुंदन प्रसाद, ललिता बोरा, धीरेन्द्र उप्रेती,हेमा बोरा,सुनीता जोशी, भास्कर जोशी आदि उपस्थित रहे।
Gulabi Jagat
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