उत्तराखंड

इन्वेन्शन और स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखंड देशभर में निभा रहा अग्रणी भूमिका

Gulabi Jagat
7 July 2022 1:17 PM GMT
इन्वेन्शन और स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखंड देशभर में  निभा रहा अग्रणी भूमिका
x
उत्तराखंड
देहरादून: बीते कुछ सालों में उत्तराखंड स्टार्टअप बिजनेस के लिए एक हब बन चुका है. बीते दिनों केंद्र सरकार ने स्टार्टअप के क्षेत्र में राज्यों की रेटिंग जारी की. जिसमें उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा है. केंद्र द्वारा जारी की गई इस रेटिंग में उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश कुछ ऐसे राज्य हैं जो कि स्टार्टअप को लेकर लीड कर रहे हैं. स्टार्टअप की रैकिंग में उत्तराखंड लगातार ऊपर आता जा रहा है. जिसका नतीजा है कि आज उत्तराखंड से शुरू होने वाले स्टार्टअप देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं. आखिर यह सब कैसे संभव हुआ? स्टार्टअप को लेकर उत्तराखंड की क्या पॉलिसी है? आइए जानते हैं.
उत्तराखंड में स्टार्टअप बिजनेस दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. इसकी ग्रोथ ने इसे फास्ट ग्रोइंग सेक्टर बना दिया है. उत्तराखंड की स्टार्टअप फ्रेंडली नीति और उत्तराखंड के उच्च शिक्षण संस्थान उत्तराखंड से शुरू होने वाले स्टार्टअप के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं. उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए इस अनुकूल माहौल का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य को स्टार्टअप की लीडरशिप कैटेगरी में रखा गया है. उत्तराखंड में मौजूदा समय में स्टार्टअप को लेकर 128 प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है.
इनमें से कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो राष्ट्रीय और कुछ ऐसे हैं जो वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. उत्तराखंड में शुरू होने वाले स्टार्टअप केवल धरती पर ही नहीं बल्कि आसमान में भी अपने नए आइडियाज के साथ विदेशी टेक्नोलॉजी को चुनौती दे रहे हैं. मेडिकल के क्षेत्र में नया रेवेलुशन लाने वाले उत्तराखंड से शुरू हुए स्टार्टअप सनफॉक्स पोर्टेबल ईसीजी मशीन की बात करें या फिर दिगंतरा स्पेस मैपिंग की बात करें ये सभी आज पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं.
उत्तराखंड में कैसे बढ़ रहा स्टार्ट-अप सेक्टर: उत्तराखंड के उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया उत्तराखंड लगातार स्टार्टअप की दिशा में बेहतर काम कर रहा है. यही वजह है कि आज स्टार्टअप को लेकर उत्तराखंड एक पायदान ऊपर आकर लीडरशिप कैटेगरी में आ गया है. निदेशक नौटियाल ने बताया ये इस बात का प्रमाण है कि हमारा इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है. जिसकी वजह उत्तराखंड में मौजूद आईआईटी, आईआईएम, इजीनियरिंग कॉलेज और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थान हैं.
निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया उत्तराखंड में तकरीबन 11 इनक्यूबेटर शुरू हो चुके हैं. यह वह संस्थान होते हैं जहां पर किसी भी नई तकनीक को शुरू करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं. वहीं, इसके अलावा उत्तराखंड में टॉय नेटवर्क के माध्यम से स्टार्टअप और निवेशकों को एक साझा मंच दिया जाता है. स्टार्टअप आइडिया को फंड के माध्यम से ऊर्जा मिलती है. उद्योग निदेशक ने बताया कि उत्तराखंड में जब भी कोई स्टार्टअप पर काम करता है तो ज्यादातर संभावनाएं होती है कि वह एक कॉलेज का छात्र होता है. ऐसे में छात्र को स्टार्टअप के प्रति प्रेरणा देना, उसके सारे खर्चे उठाना और मनोबल के रूप में सरकार द्वारा उसे एक अच्छा माहौल प्रदान किया जाता है. यही वजह है कि उत्तराखंड में स्टार्टअप सेक्टर दिनों-दिन बढ़ रहा है.
उत्तराखंड में इंवेंट की गई पहली सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक: उत्तराखंड केम ने अपने स्टार्टअप के माध्यम से उत्तराखंड में पहली ऐसी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बाइक इजाद की है जो कि मात्र 80 हजार में कमर्शियल प्रोडक्शन से तैयार की जा सकती है. फ्लक्स मोटर्स के प्रतिनिधि विकास ने बताया उनकी कंपनी खासतौर से इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों पर शोध और निर्माण का काम करती है. उन्होंने बताया उनकी कंपनी उधम सिंह नगर, खटीमा बेस्ड है. जिसका रिसर्च और डेवलपमेंट यूनिट के अलावा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट देहरादून मोहब्बेवाला में मौजूद है. विकास ने बताया उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक सेग्मेंट के सभी वाहनों पर काम कर रही है. कैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता और टिकाऊ बनाया जाए इस पर रिसर्च कर रही है. इस दौरान उन्होंने अपने नए प्रोडक्ट इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा यह भारत में पूरी तरह से एक नया कांसेप्ट है. इसके डेवलपमेंट के बाद इलेक्ट्रिक बाइक की कीमत केवल मात्र 80 हजार रह जाएगी. उन्होंने बताया 80 हजार मात्र में वह लिथियम फास्फोरस बैटरी से चलने वाली इस बाइक को मार्केट में लाने जा रहे हैं. हालांकि, इसके कई अप्रूवल अभी होने बाकी हैं.
बर्बाद होने वाले फूलों का स्टार्टअप में इस्तेमाल: उत्तराखंड में शुरू हुआ मूल्य स्टार्टअप ब्रांड एक ऐसा यूनिक कॉन्सेप्ट है जिसमें बर्बाद होने वाले फूलों का इस्तेमाल कर सिल्क के फैब्रिक पर इको फ्रेंडली पेंट किया जाता है. मूल्य ब्रांड के प्रतिनिधि कार्तिक ने बताया उनकी स्टार्टअप कंपनी मंदिरों से फूल इकट्ठा करके कपड़े रंगने के लिए इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया केवल मंदिरों से नहीं बल्कि नदियों में फेंके जाने वाले फूलों और शादियों में वरमाला और किसी भी तरह के कार्यक्रमों में बर्बाद होने वाले फूलों का इस्तेमाल करके उनका ब्रांड फैब्रिक पर नेचुरल कलर करता है, जो कि इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ शरीर के लिए नेचुरल होता है. कार्तिक ने बताया शादियों में इस्तेमाल होने वाली जयमाला से वह उन्हीं कपल्स के लिए कुछ कपड़े बनाने की सोच रहे हैं. ये भी उनका एक कांसेप्ट है. जिस पर वे काम कर रहे हैं.
देहरादून: बीते कुछ सालों में उत्तराखंड स्टार्टअप बिजनेस के लिए एक हब बन चुका है. बीते दिनों केंद्र सरकार ने स्टार्टअप के क्षेत्र में राज्यों की रेटिंग जारी की. जिसमें उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा है. केंद्र द्वारा जारी की गई इस रेटिंग में उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश कुछ ऐसे राज्य हैं जो कि स्टार्टअप को लेकर लीड कर रहे हैं. स्टार्टअप की रैकिंग में उत्तराखंड लगातार ऊपर आता जा रहा है. जिसका नतीजा है कि आज उत्तराखंड से शुरू होने वाले स्टार्टअप देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं. आखिर यह सब कैसे संभव हुआ? स्टार्टअप को लेकर उत्तराखंड की क्या पॉलिसी है? आइए जानते हैं.
उत्तराखंड में स्टार्टअप बिजनेस दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. इसकी ग्रोथ ने इसे फास्ट ग्रोइंग सेक्टर बना दिया है. उत्तराखंड की स्टार्टअप फ्रेंडली नीति और उत्तराखंड के उच्च शिक्षण संस्थान उत्तराखंड से शुरू होने वाले स्टार्टअप के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं. उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए इस अनुकूल माहौल का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य को स्टार्टअप की लीडरशिप कैटेगरी में रखा गया है. उत्तराखंड में मौजूदा समय में स्टार्टअप को लेकर 128 प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है.
इनमें से कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो राष्ट्रीय और कुछ ऐसे हैं जो वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. उत्तराखंड में शुरू होने वाले स्टार्टअप केवल धरती पर ही नहीं बल्कि आसमान में भी अपने नए आइडियाज के साथ विदेशी टेक्नोलॉजी को चुनौती दे रहे हैं. मेडिकल के क्षेत्र में नया रेवेलुशन लाने वाले उत्तराखंड से शुरू हुए स्टार्टअप सनफॉक्स पोर्टेबल ईसीजी मशीन की बात करें या फिर दिगंतरा स्पेस मैपिंग की बात करें ये सभी आज पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं.
Advertisement
Learn More
Powered By eReleGo * ETV Bharat
उत्तराखंड में कैसे बढ़ रहा स्टार्ट-अप सेक्टर: उत्तराखंड के उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया उत्तराखंड लगातार स्टार्टअप की दिशा में बेहतर काम कर रहा है. यही वजह है कि आज स्टार्टअप को लेकर उत्तराखंड एक पायदान ऊपर आकर लीडरशिप कैटेगरी में आ गया है. निदेशक नौटियाल ने बताया ये इस बात का प्रमाण है कि हमारा इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है. जिसकी वजह उत्तराखंड में मौजूद आईआईटी, आईआईएम, इजीनियरिंग कॉलेज और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थान हैं.
निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया उत्तराखंड में तकरीबन 11 इनक्यूबेटर शुरू हो चुके हैं. यह वह संस्थान होते हैं जहां पर किसी भी नई तकनीक को शुरू करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं. वहीं, इसके अलावा उत्तराखंड में टॉय नेटवर्क के माध्यम से स्टार्टअप और निवेशकों को एक साझा मंच दिया जाता है. स्टार्टअप आइडिया को फंड के माध्यम से ऊर्जा मिलती है. उद्योग निदेशक ने बताया कि उत्तराखंड में जब भी कोई स्टार्टअप पर काम करता है तो ज्यादातर संभावनाएं होती है कि वह एक कॉलेज का छात्र होता है. ऐसे में छात्र को स्टार्टअप के प्रति प्रेरणा देना, उसके सारे खर्चे उठाना और मनोबल के रूप में सरकार द्वारा उसे एक अच्छा माहौल प्रदान किया जाता है. यही वजह है कि उत्तराखंड में स्टार्टअप सेक्टर दिनों-दिन बढ़ रहा है.
उत्तराखंड में इंवेंट की गई पहली सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक: उत्तराखंड केम ने अपने स्टार्टअप के माध्यम से उत्तराखंड में पहली ऐसी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बाइक इजाद की है जो कि मात्र 80 हजार में कमर्शियल प्रोडक्शन से तैयार की जा सकती है. फ्लक्स मोटर्स के प्रतिनिधि विकास ने बताया उनकी कंपनी खासतौर से इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों पर शोध और निर्माण का काम करती है. उन्होंने बताया उनकी कंपनी उधम सिंह नगर, खटीमा बेस्ड है. जिसका रिसर्च और डेवलपमेंट यूनिट के अलावा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट देहरादून मोहब्बेवाला में मौजूद है. विकास ने बताया उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक सेग्मेंट के सभी वाहनों पर काम कर रही है. कैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता और टिकाऊ बनाया जाए इस पर रिसर्च कर रही है. इस दौरान उन्होंने अपने नए प्रोडक्ट इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा यह भारत में पूरी तरह से एक नया कांसेप्ट है. इसके डेवलपमेंट के बाद इलेक्ट्रिक बाइक की कीमत केवल मात्र 80 हजार रह जाएगी. उन्होंने बताया 80 हजार मात्र में वह लिथियम फास्फोरस बैटरी से चलने वाली इस बाइक को मार्केट में लाने जा रहे हैं. हालांकि, इसके कई अप्रूवल अभी होने बाकी हैं.
बर्बाद होने वाले फूलों का स्टार्टअप में इस्तेमाल: उत्तराखंड में शुरू हुआ मूल्य स्टार्टअप ब्रांड एक ऐसा यूनिक कॉन्सेप्ट है जिसमें बर्बाद होने वाले फूलों का इस्तेमाल कर सिल्क के फैब्रिक पर इको फ्रेंडली पेंट किया जाता है. मूल्य ब्रांड के प्रतिनिधि कार्तिक ने बताया उनकी स्टार्टअप कंपनी मंदिरों से फूल इकट्ठा करके कपड़े रंगने के लिए इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया केवल मंदिरों से नहीं बल्कि नदियों में फेंके जाने वाले फूलों और शादियों में वरमाला और किसी भी तरह के कार्यक्रमों में बर्बाद होने वाले फूलों का इस्तेमाल करके उनका ब्रांड फैब्रिक पर नेचुरल कलर करता है, जो कि इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ शरीर के लिए नेचुरल होता है. कार्तिक ने बताया शादियों में इस्तेमाल होने वाली जयमाला से वह उन्हीं कपल्स के लिए कुछ कपड़े बनाने की सोच रहे हैं. ये भी उनका एक कांसेप्ट है. जिस पर वे काम कर रहे हैं.
Next Story