देहरादून: उत्तराखंड में नकली और नशीली दवाओं पर रोकथाम के लिए कुछ नए नियम और पाबंदियों को लागू किया गया है. इसके तहत राज्य में मेडिकल स्टोर पर बिकने वाली नशीली दवाओं को लेकर कुछ खास नियम तय किए हैं. यही नहीं ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर भी कुछ खास फैसले भी लिए गए हैं.उत्तराखंड के मेडिकल स्टोर पर ऐसी कई दवाइयां हैं, जिन्हें नशे के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है. ऐसी दवाओं के स्टोर को लेकर मेडिकल की दुकानों में कुछ नए नियमों को तय किया गया है. इसके तहत ऐसी चिन्हित दवाइयों को मेडिकल स्टोर संचालक मात्रा में ही रख सकेंगे और ऐसी दवाओं का पूरा हिसाब भी दवा बिक्री करने वालों को रखना होगा. इस तरह मेडिकल स्टोर में बिक्री को लेकर मनमानी पूरी तरह से रोकी जा सकेगी.
पढ़ें- 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री करने की तैयारी, नशे पर रोक लगाने में नाकाम थानेदार नपेंगेउधर नशे के कारोबार को रोकने और नकली दवाओं की फैक्ट्रियों पर लगाम कसने के लिए भी कुछ फैसले लिए गए हैं. इसके तहत नकली दवाओं और नशीली दवाओं के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग भी काम कर रहा है. ड्रग कंट्रोलर के पास विशेष अधिकार होंगे, जिसके तहत वह ऐसे मामलों में जांच कर सकेंगे.अब तक नकली दवाओं या नशीली दवाओं के लिए पुलिस विभाग के पास ही इससे जुड़ी जांच का पूरा अधिकार था, लेकिन अब ड्रग कंट्रोलर ही नकली और नशीली दवाओं से जुड़े मामलों की जांच करेंगे, ताकि वे तकनीकी पहलुओं को आगे रखते हुए कोर्ट तक उन सभी विषयों को अपने सबूतों के जरिए रख सके. जिससे ऐसा करने वालों को सजा मिल सके. ड्रग इंस्पेक्टर्स को अधिकार देने को लेकर ड्रग नीति में व्यवस्था की गई है, ताकि इससे जुड़ा पूरा अधिकार ड्रग इंस्पेक्टर्स को मिल सके.