न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
पेपर लीक मामले में पहले गढ़वाल और हरिद्वार क्षेत्र में नकल कराए जाने का शक था, लेकिन धीरे-धीरे कई जगहों के नाम जुड़ गए।
पेपर लीक मामले में अब कुमाऊं के दो कारोबारियों का नाम सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इनका काम भी उत्तरकाशी के हाकम सिंह रावत जैसा ही है। इन्होंने भी दर्जनों अभ्यर्थियों को लाखों रुपये लेकर पेपर मुहैया कराए थे। एसटीएफ इनके बारे में पूरी जानकारी जुटा चुकी है। जल्द इन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
पेपर लीक मामले में पहले गढ़वाल और हरिद्वार क्षेत्र में नकल कराए जाने का शक था, लेकिन धीरे-धीरे कई जगहों के नाम जुड़ गए। बिजनौर के धामपुर का भी नाम सामने आया। यहां हाकम सिंह ने नकल सेंटर बनाया था। अब इस मामले में जांच कुमाऊं क्षेत्र पर फोकस हो गई है। यहां के दो कारोबारियों के संबंध में जानकारियां मिल रही हैं।
इनमें एक खनन से जुड़ा है और दूसरा कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग यूनिट चलाता है। सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ ने इनमें से एक कारोबारी से पूछताछ भी कर ली है। जल्द ही कुमाऊं से कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी 20 से ज्यादा युवाओं को नकल कराई थी। इसके एवज में 15 से 20 लाख रुपये एक-एक से लिए गए थे। बताया जा रहा है कि कुछ और लोग भी इनके संपर्क में हो सकते हैं। इनका हाकम से संबंध है या नहीं, इस बारे में भी एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।
इंजीनियर दंपती के संबंध में भी मिलीं कई जानकारियां
पेपर लीक में एक इंजीनियर दंपती का नाम भी सामने आ रहा है। यह दंपती एक निगम में तैनात है। इनकी तैनाती भी आयोग की ओर से कराई गई भर्ती परीक्षा से हुई थी। इस मामले में अभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दंपती का भी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में हाथ हो सकता है। फिलहाल, एसटीएफ इस मामले में सुबूतों को इकट्ठा कर रही है।