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नैनीताल, उत्तराखंड में 824 पदों पर महिला स्वास्थ्य वर्कर (ANM) नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। उच्च न्यायालय (High Court) ने नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदालत ने सरकार के कदम को सही ठहराया है। मामले की सुनवाई विगत 03 मार्च को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी (Manoj Kumar Tiwari) की एकलपीठ में हुई। एएनएम (ANM) नियुक्ति प्रक्रिया को पुष्पा बिष्ट, जीवंती सती, आशा भाकुनी, सविता भंडारी एवं अमृता मनराल और रश्मि भारती की ओर से दो अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि सरकार ने एएनएम (ANM) भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया है।
चयन सूची बैच वार वरिष्ठता के आधार पर सुनिश्चित की जानी थी, लेकिन सरकार की ओर से वर्षवार आधार पर तैयार की गयी है। सरकार की ओर से उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सेवा नियमावली, 2016 का उल्लंघन किया गया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियां की गयी हैं। कम अंक वाले उम्मीदवारों का वरिष्ठता सूची में चयन किया गया है। चयन सूची में पहले उनका नाम शामिल था, लेकिन बाद में उनका नाम हटा दिया गया। अदालत ने इसी साल 20 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई के बाद अंतिम नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। साथ ही सरकार को जवाब देने को कहा था।
विगत 03 मार्च को जारी आदेश में अदालत ने माना कि याचिकाकर्ताओं को एएनएम नियुक्ति प्रक्रिया के लिये जारी विज्ञापन पर आवेदन से पूर्व सवाल उठाना चाहिए था। जब उनका नाम अंतिम चयन सूची में नहीं आया तो याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया को चुनौती दे डाली।
अदालत ने यह भी माना कि प्रासंगिक सेवा नियमावली में बैच वार आधार पर वरिष्ठता को परिभाषित नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया को आवेदन से पूर्व चुनौती देनी चाहिए थी। याचिकाकर्ता एक बार जब चयन प्रक्रिया में शामिल हो गये तो उन्हें इस पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को राहत देने पर चयनित उम्मीदवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिये चयन सूची में हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। अंत में अदालत ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस मामले में 03 मार्च को आदेश जारी हुआ, लेकिन आदेश की प्रति आज उपलब्ध हुई। अदालत के इस आदेश से भर्ती पर पूर्व में लगी रोक स्वाभाविक रूप से हट गयी है और प्रदेश में 824 पदों पर चल रही महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
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Rani Sahu
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