उत्तराखंड

शख्स को मौत के घाट उतारने के लिए आरोपी ने 10 साल तक किया इंतजार , अब वारदात को दिया अंजाम

Ritisha Jaiswal
7 Aug 2022 12:24 PM GMT
शख्स को मौत के घाट उतारने के लिए आरोपी ने 10 साल तक किया इंतजार , अब वारदात को दिया अंजाम
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उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. एक शख्स की हत्या के इस मामले में हैरानी की बात यह है कि हत्या का आरोपी बदला लेने के लिए 10 साल इंतजार करता रहा. आखिरकार उसे मौका मिला और उसने 2 अगस्त की रात इस हत्या को अंजाम दे दिया

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. एक शख्स की हत्या के इस मामले में हैरानी की बात यह है कि हत्या का आरोपी बदला लेने के लिए 10 साल इंतजार करता रहा. आखिरकार उसे मौका मिला और उसने 2 अगस्त की रात इस हत्या को अंजाम दे दिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक लापता शख्स की तलाश शुरू की गई और फिर पुलिस को एक लाश मिली. लाश मिलने के बाद पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो बदले की एक ऐसी कहानी सामने आई, जिसे सुनकर सभी का मुंह खुला का खुला रह गया.

3 अगस्त को पुलिस को शिकायत मिली कि सुहैल नाम का एक दुकानदार 2 अगस्त की रात से घर नहीं लौटा. परिवार को किसी अनहोनी की आशंका थी. पुलिस ने जांच शुरू की. नैनीताल जिले के एसपी क्राइम जगदीश चंद्र के मुताबिक सुहैल की हत्या की वजह एक पुरानी रंजिश थी, जिसकी नींव 10 साल पहले पड़ी थी. जब सुहैल सिद्दीकी नाम के इस शख्स ने पहले दलित समाज से जुड़ी एक लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया और फिर धोखा दे दिया. प्रेमी के धोखे से लड़की इतनी परेशान हुई कि उसने आत्महत्या कर ली थी. तभी से लड़की के भाई के दिल में बदले की आग धधक रही थी.
पुलिस ने सुहैल की हत्या के आरोप में भरत आर्या नाम के युवक को पकड़ा. पूछताछ में भरत ने हत्या की वारदात का खुलासा कर डाला. चंद्र के मुताबिक भरत ने बताया कि सुहैल के पिता और उसके पिता की दुकान आस-पास ही थी. इसी के चलते भरत की दोस्ती सुहैल से हो गई. 10 साल पहले भरत की छोटी बहन भी कभी-कभार दुकान आती थी, तभी सुहैल ने उस नाबालिग किशोरी को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया. उसने सुहैल से शादी की इच्छा जाहिर की, लेकिन सुहैल मुकर गया. फिर भरत की बहन ने खुदकुशी कर ली थी.
10 साल का इंतज़ार ऐसे बना घातक
उस समय भरत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लिहाज़ा भरत मन की बात मन में ही छिपाकर चलता रहा. सुहैल ने बातों.बातों में भरत की बहन को लेकर छींटाकशी का सिलसिला भी जारी रखा. आखिरकार कुछ साल पहले भरत की नौकरी भारतीय सेना में लग गई, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी. अब क्या था, जब भरत सेना से छुट्टी पर आया था, तभी सुहैल ने फिर तानेबाज़ी शुरू कर दी, तो भरत से बर्दाश्त नहीं हुआ. लेकिन उसने तैश में नहीं बल्कि बाकायदा स्कीम करके हत्या को अंजाम दिया.
हमला और गुनाह छुपाने की कोशिश
अपने एक दोस्त के साथ मिलकर सुहैल की हत्या का पूरा प्लान भरत ने तैयार किया. 2 अगस्त की रात सुहैल जैसे ही दुकान बंद कर घर के लिए निकला, तो कुछ दूर खड़े भरत और उसके साथी ने सुहैल की बाइकर को कार से टक्कर मार दी. फिर उन्होंने घायल सुहैल के सिर पर रॉड से वार किया. इतना ही नहीं, भरत और उसके दोस्त ने सुहैल की लाश को कुछ दूर मुरादाबाद रोड पर गन्नों के खेतों के किनारे फेंक दिया और लाश की पहचान न हो सके, इसलिए चेहरे पर पेट्रोल डालकर आग भी लगा दी थी.


Ritisha Jaiswal

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