उत्तरकाशी: भारत तिब्बत सीमा पुलिस पुलिस (आईटीबीपी) के जवान आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 75 दिनों की रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल पर निकले हुए हैं, जिसे अमृत कहा जा रहा है. इन 75 दिनों में ये जवान लद्दाख से चलकर हिमालय के मुश्किल क्षेत्रों से गुजरते हुए अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचेंगे.
यह वही इलाका है, जिसकी प्रथम लाइन की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी के कंधों पर रहती है. जाहिर है कि यात्रा बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, रास्ते में मुश्किल चोटियां हैं तो बहुत ही खतरनाक और उफनती नदियां भी मिलती हैं. बरसात के दिनों में तो यह नदियां और भी प्रचंड रूप में नजर आती हैं. आईटीबीपी ने अपनी इसी यात्रा का एक वीडियो (ITBP Crossing mountain river in Uttarkashi) जारी किया है, जो कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी का है.
75 दिनों की मुश्किल यात्रा पर निकले हैं आईटीबीपी के जांबाज: आईटीबीपी यानी भारत तिब्बत सीमा पुलिस (Indo Tibetan Border Police) ने अपने रोमांचकारी कार्यों से देश की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) को सही मायनों में जीवंत बनाने की कोशिश की है.
देश की उत्तरी सीमा पर आईटीबीपी के कंधों पर भारत की रक्षा की अग्रिम पंक्ति की जिम्मेदारी है. देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर इसने प्रथम पंक्ति की रक्षा को ध्यान में रखकर रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल की पहल की है, जिसे अमृत का नाम दिया गया है. यह अमृत रिले एक अगस्त से शुरू हुआ है और 75 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद 14 अक्टूबर को इस अभियान को पूरा करेगा. इस दौरान भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जांबाज करीब 7,575 किलोमीटर की रिले दूरी पूरी करेंगे.
यह लॉन्ग रेंज पेट्रोल देश की पश्चिमी उत्तरी सीमा के पास लद्दाख के काराकोरम दर्रे से शुरू किया गया था और यह देश की उत्तर-पूर्वी सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के जेचाप ला पर जाकर संपूर्ण होगा. आईटीबीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रविवार को एक वीडियो पोस्ट करके इसके बारे में जानकारी दी है. इस दौरान उत्तराखंड में उत्तरकाशी के हर्षिल में आईटीबीपी की दूसरी बटालियन ने 12वीं बटालियन को रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल का अमृत झंडा सौंपा है. इस यात्रा को आजादी का अमृत महोत्सव के हिसाब से 75 दिन का रखा गया है.