न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी है। देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में जहां ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ कहीं-कहीं भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है।
शुक्रवार को बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ नाले के पास अवरुद्ध हो गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए सुचारू है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंदरकोट के पास सुबह 6:20 बजे तक खुला था इसके बाद से लगातार पत्थर गिरने से हाईवे खोलने का काम कुछ देर बंद रहा। कुछ देर बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंदरकोट के पास यातायात हेतु सुचारू किया गया।
यात्रियों ने अपने वाहनों में गुजारी रात
कर्णप्रयाग के पास पंचपुलिया में बाधित ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे 15 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया है। एनएच ने सड़क पर आई चट्टान को रातभर तोड़कर मशीनों से हटाया। शुक्रवार सुबह पांच बजे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। हाईवे गुरुवार को अपराह्न तीन बजे पहाड़ी से चट्टान दरकने से बंद हो गया था। इस दौरान यात्रियों ने सड़क खुलने के इंतजार में अपने वाहनों में ही रात गुजारी। प्रशासन और पुलिस की ओर से यात्रियों को पानी व जरूरी सामान पहुंचाया गया।
रात घर छोड़कर अन्य लोगों के घरों में ली ग्रामीणों ने शरण
चमोली नंदानगर में भारी बारिश से बुधवार रात को मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ गया जिससे धुर्मा, बांसवाड़ा और सेरा गांव के ग्रामीणों में रातभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। नदी के कटाव से धुर्मा गांव के सूरज सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि भारी बारिश और नदी का जलस्तर देखते हुए सूरज के परिवार ने पहले ही घर छोड़कर गांव में अन्य लोगों के घरों में शरण ले ली थी।
नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण धुर्मा गांव के मनोज सिंह, कर्ण सिंह, यशवंत सिंह, महेंद्र, दिलवर सिंह, पुष्कर सिंह और इंद्र सिंह के मकानों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। बांसवाड़ा गांव की ग्राम प्रधान विमला देवी, सुरेंद्र सिंह नेगी, मंगल सिंह और पुष्कर सिंह ने शीघ्र नदी के दोनों ओर आबादी क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग उठाई। इधर, नायब तहसीलदार राकेश देवली ने बताया कि राजस्व उपनिरीक्षक को मौका मुआयना करने के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्रभावितों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।
देवाल के वांक गांव के राजेंद्रराम पुत्र नैनराम के मकान में मलबा घुसने से मकान के पीछे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। राजेंद्रराम ने बताया कि उनका परिवार रात में सोया हुआ था तभी अचानक तेज आवाज व मकान के अंदर मलबा-पानी आने पर उन्होंने बच्चों और पत्नी को सुरक्षित बाहर निकाला। कहा कि कमरे में रखा सारा सामान मलबे से खराब हो गया। ऐसे में उनका परिवार पास में ही दूसरे के मकान में चला गया। घटनास्थल के निरीक्षण के बाद पटवारी प्रमोद नेगी ने बताया कि रिपोर्ट उच्चधिकारियों को भेज दी गई है।
नंदानगर बाजार से गुजर रही नंदाकिनी में बाढ़ जैसी स्थिति आने से नदी के दोनों ओर से तटबंध टूटने से मकानों को खतरा बना हुआ है। व्यवसायियों का कहना है कि गत वर्ष भी भारी बारिश के बाद नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। दुकानों में मलबा घुस गया था लेकिन कई परिवारों को आज तक मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाया है। उन्होंने सड़कों के किनारे नाली निर्माण और नदी के किनारे सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग की। संवाद
कोटद्वार में तेज बारिश के कारण बुधवार रात को खोह नदी के उफान पर आने से सनेह क्षेत्र के रतनपुर में बनाई गई बाढ़ सुरक्षा दीवार ढहकर बह गई। नदी के किनारे लगातार हो रहे कटान से निकटवर्ती आवासीय भवनों के लिए खतरा पैदा हो गया है। लोगों ने प्रशासन से बाढ़ सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की।
बुधवार रात को कोटद्वार के निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्र में तेज बारिश होने के कारण खोह नदी में अचानक उफान आ गया जिसके कारण झूला पुल के पास रतनपुर में बाढ़ सुरक्षा दीवार ढहकर बह गई। दीवार गिरने की आवाज सुनकर निकटवर्ती घरों के लोग मौके पर पहुंचे। नदी का भयावह रूप देखकर सहम गए। बाढ़ सुरक्षा दीवार के ढहने के बाद लगातार हो रहे कटाव के कारण उनको अब अपने भवनों की चिंता सताने लगी है। लोगों ने बाढ़ सुरक्षा दीवार ढहने की सूचना प्रशासन को दी।
खराब मौसम के कारण प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर मलबा आने से 21 स्टेट हाईवे समेत 195 सड़कें बंद हैं। गुरुवार को एक ही दिन में 111 सड़कें बंद हो गईं, जिनमें 18 स्टेट हाईवे शामिल थे। लोनिवि ने 55 सड़कों को खोला। सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि ने 194 मशीनें तैनात हैं। सबसे ज्यादा 67 ग्रामीण सड़कें बंद होने से उन पर यातायात ठप है।
अभी तक उत्तरकाशी घनसाली तिलवाड़ा, कमद धौंतरी चमियाला बूढ़ाकेदार अंयारखल, बड़ेथी बन चौरा बदरीगाड, लंबगांव मोटरना राजखेत घनसाली समेत कुल 21 स्टेट हाईवे से भी चट्टाने और मलबा नहीं हटाया जा सका है।
मुनस्यारी मिलम सड़क पर नहर देवी मल्ला जोहार में बीआरओ द्वारा किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य में पहाड़ी से बोल्डर पत्थर की चपेट में आने से जेसीबी चालक की मौके पर ही मौत हो गई। मशीन सीधे नीचे गहरी खाई में जा गिरी और जेसीबी चालक भी मशीन के साथ नीचे गिर गया।
हरिद्वार में भी रात बारिश आफत बनकर बरसी। शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। टिशू पेपर बनाने वाली फैक्टरी के गोदाम में करीब दो फीट तक पानी भर गया। इससे करीब 50 लाख का बना माल भीग गया। शहर में भी कई दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ा।