न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
स्नेह राणा ने कहा कि पहली बार महिला क्रिकेट को कामनवेल्थ गेम्स में शामिल किया और टीम फाइनल में पहुंची, जो गर्व की बात है। मलाल इस बात का भी है कि हम स्वर्ण नहीं जीत सके।
कॉमनवेल्थ में रजत पदक जीतने के बाद महिला क्रिकेट टीम की सदस्य स्नेह राणा के दून पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। स्नेह ने कहा कि रजत पदक हमारे लिए स्वर्ण से भी बढ़कर है। हालांकि, स्वर्ण पदक न मिलने पर उन्हें मलाल भी है।
स्वागत के लिए गांधी पार्क में समारोह का आयोजन किया गया। जहां उनके परिजन और चाहने वाले पहुंचे थेे। स्नेह मूल रूप से मालसी स्थित सिनोला गांव की रहने वाली हैं। नेशनल स्तर पर उनके अच्छे प्रदर्शन के बाद वह कॉमनवेल्थ में हिस्सा लेने का मौका मिला। उन्होंने देश को पदक दिलाने के साथ ही राज्य का नाम भी रोशन किया। कहा कि पहली बार महिला क्रिकेट को कामनवेल्थ गेम्स में शामिल किया और टीम फाइनल में पहुंची, जो गर्व की बात है। मलाल इस बात का भी है कि हम स्वर्ण नहीं जीत सके। खेल में हार जीत लगी रहती है। हमने अपने खेल से सीखा और आगे बेहतर करने की प्रेरणा ली, जिससे हम अपने देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकेंगे।
उधर, उनके परिजनों ने कहा कि स्नेह ने देश के साथ प्रदेश का भी सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। स्नेह ने पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए दो अहम विकेट झटके थे, जबकि सेमीफाइनल में भी इंग्लैंड और फिर फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भी स्नेह ने शानदार गेंदबाजी कर विपक्षी टीम पर दबाव बनाया। भाजयुमो अध्यक्ष अंशुल चावला ने स्नेह राणा और उनके कोच नरेंद्र शाह का सम्मान किया। इस मौके पर शुभम जैन, संदीप बिजल्वाण, अक्षत जैन, साक्षी शंकर, किरण सिंह, ऋषभ पाल, सत्यम शर्मा, दीपक सोनकर, हर्ष गहलोत, मनमोहन शर्मा, मोहन खत्री आदि मौजूद रहे।