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देहरादून। केंद्र सरकार के आदेश से अलग हटकर फिटनेस की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर परिवहन व्यवसायियों ने मंगलवार को चक्का जाम का ऐलान किया है। चक्का जाम को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है वहीं इसका असर आम आदमी पर पड़ना तय है। परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि राज्य सरकार ने विभिन्न वाहनों के लिए तय समय से पहले ही फिटनेस को अनिवार्य कर दिया है, इससे परिवहन व्यवसायियों को आर्थिक नुकसान होगा। यह आदेश पूरी तरह से अव्यावहारिक है।
दूसरी ओर उत्तराखंड परिवहन आयुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से कहा है कि मंगलवार को वाहन चालकों की यूनियनों द्वारा आहूत चक्का जाम के कारण सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बाधित न होने दें। ऐसे वाहन स्वामी जो अपने वाहनों का संचालन करना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।परिवहन यूनियनों द्वारा देहरादून एवं रुद्रपुर में निजी क्षेत्र में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में 29 नवंबर को राज्यव्यापी चक्काजाम की घोषणा की गई है।
चक्का जाम का नेतृत्व कर रहे सिटी बस यूनियन के विजय वर्धन ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगें नहीं मानती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसके लिए मंगलवार को चक्का जाम किया जाएगा। परिवहन व्यवसायी राजधानी देहरादून में चार फिटनेस सेंटर खोलने समेत पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों में एकएक फिटनेस सेंटर खोलने की मांग कर रहे है
Gulabi Jagat
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