उत्तराखंड

जांच में हुआ खुलासा, पता चला कि परीक्षक की ओर से उसे 76 नंबर की जगह मात्र 28 अंक दे दिए गए

Admin4
15 Aug 2022 9:06 AM GMT
जांच में हुआ खुलासा, पता चला कि परीक्षक की ओर से उसे 76 नंबर की जगह मात्र 28 अंक दे दिए गए
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

छात्रा के मुताबिक उसने परीक्षा में सभी प्रश्नों के सही उत्तर लिखे थे, लेकिन बोर्ड की ओर से उसे कम अंक दिए जाने पर उसने बोर्ड से मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति मांगी। इससे पता चला कि परीक्षक की ओर से उसे 76 नंबर की जगह मात्र 28 अंक दे दिए गए हैं।

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के कारनामे भी अजीबों-गरीब हैं। बोर्ड की ओर से 10वीं की छात्रा को विज्ञान में 76 अंक के स्थान पर 28 अंक दे दिए गए हैं। छात्रा की ओर से बोर्ड से उत्तर पुस्तिका मंगाए जाने पर प्रकरण का खुलासा हुआ है। जिससे अन्य छात्र-छात्राओं के अंकों में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। शिक्षा निदेशक ने कहा है कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

देहरादून के झबरावाला निवासी नेहा ममगाई राजकीय इंटर कालेज बुल्लावाला में 10वीं की छात्रा रही है। उसे 10वीं की 2022 की बोर्ड परीक्षा में विज्ञान के सैद्धांतिक प्रश्नपत्र में मात्र 28 अंक दिए गए। छात्रा के मुताबिक उसने परीक्षा में सभी प्रश्नों के सही उत्तर लिखे थे, लेकिन बोर्ड की ओर से उसे कम अंक दिए जाने पर उसने परीक्षा परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर बोर्ड से मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति मांगी।

इससे पता चला कि परीक्षक की ओर से उसे 76 नंबर की जगह मात्र 28 अंक दे दिए गए हैं। छात्रों के मुताबिक मूल्यांकन में भी कुछ गलतियां सामने आई हैं। मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका के भीरत के पृष्ठों पर दिए गए अंक जोड़ने पर 77 अंक हो रहे हैं। जबकि पहले पेज में योग 76 अंक दर्शाया गया है। नेहा को हाईस्कूल 2022 की परीक्षा में हिंदी में 93, अंग्रेजी में 93, गणित में 92, सामाजिक विज्ञान में 95 और पेंटिंग में 83 अंक मिले हैं।

छात्रा के अभिभावकों के मुताबिक यदि बोर्ड की ओर से उनकी बेटी की उत्तर पुस्तिका की सही से जांच कराई जाती तो उनकी बेटी बोर्ड की मेरिट लिस्ट में होती। उधर, इस संबंध में बोर्ड की सचिव नीता तिवारी से प्रयास के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया है।

उत्तराखंड बोर्ड की ओर से छात्रा के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद आंशका जताई जा रही है कि अन्य छात्र-छात्राओं के साथ भी ऐसा हुआ हो। अपने आप में यह आपराधिक कृत्य है। विभाग को इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। विभाग में पहले भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है। इस प्रकरण में जो कोई भी दोषी हो, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

- अजय राजपूत, प्रदेश अध्यक्ष, राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ

उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाओं की विभिन्न स्तर पर जांच होती है, इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी। इसके लिए जो कोई भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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