नैनीताल : कभी छोटा राजन का दाहिना हाथ रहे अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी 12 साल से सलाखों में कैद है, लेकिन उसके गैंग की दहशत बरकरार है। डीजीपी अशोक कुमार ने एसटीएफ को 50 अपराधियों को सूचीबद्ध कर निगरानी के निर्देश दिए थे। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) एक्शन में है।
एसटीएफ ने कुमाऊं परिक्षेत्र में दहशत मचाने वाले बदमाशों के गैंग को चिह्नित किया है। जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी, जयदीप विर्क उर्फ जेडी, जुगराज सिंह जग्गा उर्फ प्रधान व राजेश गंगवार का गैंग कुमाऊं में सक्रिय मिला है। गैंग के सरगना जेल में बंद हैं, लेकिन गुर्गे इनके नाम पर दहशत फैला रहे हैं। पहले चरण में एसटीएफ कुख्यात को सूचीबद्ध कर चुकी है। इनके अलावा लोगों में डर फैलाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। प्रकाश पांडे की अंडरवर्ल्ड डॉन बनने कहानी
प्रकाश पांडे अल्मोड़ा जिले में स्थित रानीखेत के खनौइया गांव का मूल निवासी है। स्कूल से बदमाशी करने के बाद उसने लीसा व लकड़ी तस्करी की और फिर मुंबई जाकर डॉन बनने की ठानी और अपराधों को अंजाम देते हुए अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया। वर्ष 2010 में वह गिरफ्तार हुआ और अब पौड़ी जेल में बंद है।
प्रकाश के मुंबई पहुंचने के दौरान देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा था। ब्लास्ट का जिम्मेदार दाऊद को बताया गया। वहीं छोटा राजन ने दाऊद इब्राहिम से अलग होकर अपना अलग गैंग बना ली। उस दौरान मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर प्रकाश की मुलाकात छोटा राजन गैंग के गैंगस्टर पुनीत तानाशाह और विक्की मल्होत्रा से हुई।