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जिला पंचायत बोर्ड की बैठक के बाद गुस्साएं पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्षा पर वित्त अधिकार का दुरुप्रयोग करने का आरोप लगाते हुए अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को हसताक्षरयुक्त ज्ञापन सौपा। उनका आरोप था कि राज्य वित्त एवं 15वें वित्त आयोग से करोड़ों की स्वीकृत धनराशि का मनमाने ढंग से प्रयोग किया गया है। जिसका हिसाब पंचायत सदस्यों तक को नहीं दिया गया। उन्होंने चेताया कि यदि पंचायत विभाग ने सदस्यों को करोड़ों का हिसाब नहीं दिया और भेदभाव किया। तो पंचायत सद स्य अविश्वास प्रस्ताव लाने को मजबूर होगे।
बुधवार को पंचायत सभागार में पहली बोर्ड की बैठक में आरोप प्रत्यारोप लगाने के बाद पंचाय त सदस्यों ने सदन की कार्रवाई शुरू की और बैठक की समाप्ति के बाद 25 पंचायत सदस्यों ने हस्ता क्षर युक्त एक ज्ञापन बनाया। इस दौरान उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह का घेराव किया और ज्ञा प न सौपा। इस दौरान प्रतापपुर-28 के पंचायत सदस्य विपिन कुमार का आरोप था कि वर्ष 2020-21 में स्वीकृत 15वें वित की 16.21करोड़ का कोई हिसाब ही नहीं है।
वहीं राज्य वित्त से आए 63 करोड़ में से 14करोड़ रुपये पंचायत अध्यक्षा द्वारा वित अधिकार के नाम पर जिला पंचायत बजट का मनमाने ढंग से दुरुप्रयोग किया गया और अपने इलाके में खर्च दिया गया। जो पंचायत सदस्यों के अधिकार का हनन है। आरोप था कि स्वीकृत बजट को पंचायत सदस्यों को सामान ढंग से वितरित की जानी चाहिए थी। जिसकी वजह से पंचायत सदस्यों के इलाकों का विकास पिछले तीन साल से ठप पड़ा हुआ है।
उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी से स्वीकृत बजट का हिसाब देने और करोड़ों की धनराशि को सदस्यों को वितरित करने की मांग की। साथ ही पुराने कामों की निविदाएं निकालने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि वर्तमान में 25 से अधिक पंचायत सदस्यों ने हस्ताक्षर कर अपने गुस्से का इजहार किया है। यदि संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया तो सभी सदस्य पंचायत अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को विवश होंगे। इस मौके पर चंद्रशेखर मुंडेला,सुमन सिंह,संतीश कुमार,दीपा आर्या,गीता पांडे,कमला देवी, वीर सिंह,परमीत सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
Admin4
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