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देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार जानकारी मिली थी कि हत्या के एक मामले में पौड़ी जेल में बंद नरेन्द्र वाल्मीकि जेल से ही गैंग चला रहा है और शूटरों के माध्यम से लूट, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या जैसी योजना बना रहा है। एसएसपी के अनुसार एसटीएफ की चार टीमें लगातार नरेन्द्र वाल्मीकि के सहयोगियों, शूटरों, हथियार सप्लायरों और पुराने साथियों के साथ ही पौड़ी जेल प्रशासन के सहयोग से नरेन्द्र वाल्मीकि की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। सैटरडे को एसटीएफ को जानकारी मिली कि गैंग के कुछ शूटर देहरादून आ रहे हैं और वे चंद्रबनी क्षेत्र में एक होटल में रुकने वाले हैं।
आशारोड़ी में दबोचे
एसटीएफ के एसएसपी के अनुसार सूचना मिलते ही डीएसपी जवाहर लाल के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम आशारोड़ी चेक पोस्ट पर पहुंची और चेकिंग के दौरान मोटर साइकिल और एक्टिवा से आ रहे नरेन्द्र वाल्मीकि गैंग के तीन शूटरों को हथियारों और कारतूस के साथ दबोच लिया। गिरफ्तार किये गये शूटरों में गांव मोहना, जिला फरीदाबाद, हरियाणा निवासी नीरज पंडित पुत्र सुशील, गांव सोरम पट्टी हस्वा, तहसील बुढ़ाना, मुजफ्फरनगर निवासी सचिन पुत्र सोहनवीर और गांव सलारपुरा जिला सहारनपुर निवासी अंकित पुत्र बलिष्टर शामिल हैं।
ये सामान हुआ बरामद
- 2 तमंचे 315 बोर, 4 कारतूस
- 1 तमंचा 312 बोर, 2 कारतूस
- तीन मोबाइल फोन
- 1 मोटर साइकिल
- 1 एक्टिवा
सरगना से जेल में पूछताछ
एसटीएफ की एक टीम में पौड़ी जेल में गैंग के सरगना नरेन्द्र वाल्मीकि से भी पूछताछ की। नरेन्द्र ने बताया कि वह जेल से ही अपने नेटवर्क और गैंग के सदस्यों के माध्यम से तीन लोगों को ठिकाने लगाने का प्रयास कर रहा था। इनमें से एक उसके मुकदमे में गवाह है और एक से उसकी पुरानी रंजिश है। नरेन्द्र वाल्मीकि ने पूछताछ में यह सनसनीखेज जानकारी भी दी कि उसका गैंग एक युवती की भी हत्या करने वाला था, जिसकी हत्या के लिए गैंग ने 10 लाख रुपये सुपारी ली है। एसटीएफ के अनुसार इस मामले में कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।
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