उत्तराखंड
उत्तराखंड में सांप से डसने के रोजाना 10 से ज्यादा केस
Ritisha Jaiswal
2 Aug 2022 1:13 PM GMT
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उत्तराखंड में सांप से डसने के रोजाना 10 से ज्यादा केस रिकॉर्ड में आ रहे हैं,
उत्तराखंड में सांप से डसने के रोजाना 10 से ज्यादा केस रिकॉर्ड में आ रहे हैं, गुलदार के हमले के बाद स्नेक बाइट के केस में इजाफा हो रहा है. यह स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता का सबब बन गया है, क्योंकि एक स्नेक बाइट के केस में ही 40 के करीब वैक्सीन मरीज़ को लगाई जाती हैं. उत्तराखंड में गुलदार के बाद सांप के डसने के मामले में मौत सबसे ज्यादा है, 2021 के रिकॉर्ड के मुताबिक 2021 में स्नेक बाइट में 21 लोगों की जान गई थी, जबकि 22 लोग गुलदार के हमले में जान गंवा चुके थे.
इस साल भी पिछले 6 महीने में सांप से डंसने के 300 से ज्यादा केस आये है, दून मेडिकल कॉलेज में इमर्जेंसी सेवा में तैनात डॉक्टर बताते है कि रोजाना 2 से 3 केस रिकॉर्ड में आते है, जिनमें मरीज की ब्लड सैंपल लेने के बाद आगे का इलाज दिया जाता है. डॉक्टर का कहना है कि स्नेक बाइट में 10 फीसदी सांप ही जहरीले होते हैं, जिनमें इलाज में 40 वैक्सीन तक मरीज को लगाई जाती है.
पहले टिटनस का इंजेक्शन, फिर ब्लड सैंपल लेते हैं
डॉ नरेश, ईएमओ, दून मेडिकल कॉलेज बताते है कि सबसे पहले मरीज़ को टिटनस का इंजेक्शन लगाया जाता है, उसके बाद ब्लड सैंपल लेने के बाद आगे का इलाज किया जाता है, वैसे दून मेडिकल कॉलेज में स्नेक बाइट का निशुल्क इलाज किया जाता है. जबकि प्राइवेट अस्पताल इसमें 10 से 20 हजार तक में शुरूआती इलाज करते हैं. हल्दानी, कोटद्वार, देहरादून जैसे ज़िलों में बरसात के मौसम में स्नेक बाइट के केस ज्यादा सामने आ रहे हैं. 108 कॉल सेन्टर में भी सांप से डंसने के मामले दर्ज हो रहे हैं.
घर के आंगन में सांप ने डसा
स्नेक बाइट का इलाज करवाने आई शालिनी बताती है कि वो घर के आंगन में काम कर रही थी. उसी दरमियान उन्हें सांप ने डस लिया, जिसके बाद परिजन उन्हें दून मेडिकल कॉलेज लेकर आये, जहां उनका उपचार चल रहा है. वैसे अब सरकार की तरफ से सांप डसने से होने वाली मौत पर 4 लाख का मुआवजा भी दिया जाता है. वहीं बॉडी पार्ट खराब होने पर 1 से 2 लाख तक के मुआवजे का प्रावधान है. ऐसे में स्नेक बाइट के मामले भी अब तेज़ी से रिकॉर्ड में आने लगे हैं.सांप डसने पर क्या करें? सांप के काटने के बाद मरीज को नींद या चक्कर आ सकते हैं. मरीज को जल्द अस्पताल लाया जाये उस एरिया को किसी मोटे कपड़े से बांध लेना चाहिये.।
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Ritisha Jaiswal
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