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अल्मोड़ा: कोरोना के बाद मंकी पॉक्स ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। देश में अब तक Monkeypox के चार मामले सामने आए हैं। इनमें तीन मरीज केरल और एक दिल्ली में मिला है।
उत्तराखंड सरकार भी हर स्तर पर सतर्कता बरत रही है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसी कड़ी में अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने जिले के सभी चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य केंद्रों को मंकी पॉक्स की रोकथाम व बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी कर अलर्ट रहने को कहा है। मंकी पॉक्स से प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। अस्पतालों में बुखार के मरीजों में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो उसकी सूचना संबंधित चिकित्साधिकारी को दी जाएगी। मंकी पॉक्स के लक्षण वाले मरीजों के सैंपल लेने की व्यवस्था की गई है और जांच रिपोर्ट आने तक मरीज को क्वारेंटाइन किया जाएगा।
फिलहाल प्रदेश में मंकी पॉक्स की जांच की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में सैंपल को जांच के लिए नेशनल वायरोलाजी इंस्टीट्यूट पुणे भेजा जाएगा।
यहां आपको मंकी पॉक्स के लक्षणों के बारे में भी बताते हैं। एसीएमओ डॉ. एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि मंकी पॉक्स संक्रमण एक वायरस से होता है। इसमें भी स्माल पॉक्स की तरह ही लक्षण दिखते हैं। मरीज को बुखार आ सकता है। शरीर में लगातार कमजोरी महसूस होती है। बदन की गांठों में सूजन आना भी इसका लक्षण है। सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। इसमें त्वचा पर लाल चकत्ते या फफोले पड़ते हुए दिखाई देते है। सीएमओ डॉ. आरसी पंत ने लोगों को बंदरों से दूर रहने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखें तो वह तुरंत अस्पताल में जाकर जांच कराएं। ताकि मंकी पॉक्स को फैलने से रोका जा सके। फिलहाल उत्तराखंड में Monkeypox का कोई केस नहीं मिला है।
Gulabi Jagat
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