उत्तराखंड

कई संपर्क मार्ग बंद, घरों में घुसा पानी और मलबा

Admin4
9 Aug 2022 9:52 AM GMT
कई संपर्क मार्ग बंद, घरों में घुसा पानी और मलबा
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार बताया कि देर रात करीब एक बजे छिनका में भारी बारिश से अनुसूचित जाति बस्ती मेहड़खोला तोक में मलबा आने से काफी नुकसान हुआ है।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के छिनका गांव में सोमवार देर रात हुई अतिवृष्टि ने जमकर तबाही मचाई। अतिवृष्टि से कई आवासीय घरों में पानी घुस गया और सड़कें व घर मलबे से पट गए। वहीं, जिले में 16 संपर्क मोटर मार्ग भी बंद हो गए हैं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार बताया कि देर रात करीब एक बजे छिनका में भारी बारिश से अनुसूचित जाति बस्ती मेहड़खोला तोक में मलबा आने से काफी नुकसान हुआ है। बताया कि विजय लाल के घर व गोशाला में मलबा घुस गया है।

राहुल लाल, विजय लाल, जीत पाल सिंह राणा, जगदीश सिंह नेगी, राजेन्द्र नेगी, नरेंद्र सिंह नेगी की गौशला में भी मलबा आने से नुकसान हुआ है। साथ ही शिव प्रसाद सती, विष्णु सती, रविन्द्र सती, प्रकाश सती के खेत मलबा व पानी के कारण कट चुके हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए जिला आपदा प्रबंधन की टीम पहुंच चुकी है।

प्रदेश में 147 सड़कें अब भी बंद

प्रदेश में बारिश के बीच सड़कों के बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है। सोमवार को प्रदेश में कुल 204 बंद हुई सड़कों में से 57 को खोलने की कार्रवाई की गई। बंद सड़कों में 98 सड़कें लोनिवि और 106 पीएमजीएसवाई की हैं।

सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को लोक निर्माण विभाग की कुल 59 सड़कें बंद हुईं जबकि 39 मार्ग एक दिन पहले से बंद थे। इस तरह कुल 98 बंद मार्गों में से 25 मार्गों को सोमवार को खोल दिया गया, जबकि 73 मार्ग अब भी बंद हैं। इसमें से नौ राज्य मार्ग, सात मुख्य जिला मार्ग, तीन अन्य जिला मार्ग और 54 ग्रामीण सड़कें बंद हैं।

इसके अलावा पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सोमवार को 18 मार्ग अवरुद्ध हुए, जबकि 88 मार्ग एक दिन पहले से अवरुद्ध थे। कुल 106 अवरुद्ध मार्गों में से सोमवार को 32 मार्गों को खोल दिया गया है। अन्य 74 अवरुद्ध मार्गों को खोले जाने की कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को राज्य राजमार्गों पर 17 मशीनें, मुख्य जिला मार्गों पर 13, अन्य जिला मार्गों पर 15 और ग्रामीण मार्गों पर 71 मशीनें, कुल 116 जेसीबी मशीनें कार्य कर रही हैं। इसके अलावा पीएमजीएसवाई के मार्गों पर 59 मशीनें लगाई गईं।

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