उत्तराखंड
राज्य में रोड मार्किंग व साइनेज का अभाव सड़कों को बना रहा खतरनाक
Gulabi Jagat
20 Aug 2022 1:03 PM GMT
x
उत्तराखंड न्यूज
देहरादून। पर्यटन और तीर्थाटन प्रदेश के रूप में वैश्विक पटल पर पहचान बना रहे उत्तराखंड में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग चारधाम समेत अन्य धार्मिक स्थलों व पर्यटक स्थलों का रुख करते हैं। यहां की सर्पीली, चढ़ाई व तेज ढलान वाली सड़कों से वे गंतव्य तक पहुंचते हैं।
अन्य प्रदेशों से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए इन सड़कों पर वाहन दौड़ाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में वाहन चालकों के लिए मददगार साबित होते हैं रोड मार्किंग (सड़क पर सफेद व पीली लाइन) और साइनेज (संकेतक)। सुरक्षित यातायात के लिए महत्वपूर्ण रोड मार्किंग व साइनेज के मामले में उत्तराखंड में सुस्ती ही नजर आती है।
स्थिति यह है कि राज्य में अभी तक 3852 किमी सड़कों पर संकेतक नहीं लगे हैं, जबकि 2929.88 किमी लंबी सड़कों पर सफेद व पीली लाइन नहीं खींची जा सकी है। अब वर्षाकाल में कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त होने से यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है।
--Bसुरक्षित सड़कें यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं और इसमें सहायक बनते हैं रोड साइनेज व मार्किंग। रोड मार्किंग के अंतर्गत सड़क पर बनाई जाने वाली सफेद रंग की लाइन का अर्थ यह होता है कि इन स्थानों पर चालक इसी के भीतर चलेंगे। पीली लाइन यह दर्शाती है कि इन स्थानों पर जगह मिलने पर वाहन चालक ओवर टेक कर सकता है। ये चौड़ी सड़कों पर लगाई जाती हैं। प्रदेश में रोड मार्किंग के लिए 8090.47 किमी लंबी सड़कें चिह्नित की गई हैं। इनमें से अभी तक 5160.59 किमी पर ही मार्किंग हो पाई है। 2929.88 किमी सड़कों पर यह होनी शेष है।
--Bपरिवहन विभाग ने प्रदेश की 8845 किमी लंबी सड़कों पर साइनेज लगाने की जगह चिह्नित की हैं। इनमें से अभी तक 4992 किमी पर ही ये संकेतक लग पाए हैं, जबकि 3852.68 किमी सड़कों पर संकेतक लगाए जाने हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में रोड साइनेज या सड़क संकेतक की भूमिका अहम होती है।
सड़क संकेतक चेतावनी अथवा सूचनात्मक चिह्न होते हैं। इनमें यह दर्शाया जाता है कि मार्ग पर कहां पर तीव्र मोड़ हैं या कहां संकरी पुलिया है। इसके अलावा इनमें गिरती चट्टानें, मार्गों के विभाजन, रेलवे क्रासिंग, फिसलन भरी सड़कों, सड़कों में दरार, चढ़ाई, चौराहे व ऊबड़-खाबड़ सड़कों के संबंध में भी जानकारी दी जाती है। इन्हें देखकर चालक सावधानी से वाहन चला सकते हैं।
रोड मार्किंग के लिए लोनिवि के पास सर्वाधिक सड़कें
प्रदेश में जिन सड़कों पर रोड मार्किंग होनी है, उसमें सबसे अधिक 2253 किमी लोक निर्माण विभाग के अधीन हैं। इसके अलावा 382 किमी लोक निर्माण विभाग की राष्ट्रीय राजमार्ग शाखा, 97 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, 35 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड और 160 किमी सीमा सड़क संगठन के पास है।
इन विभागों को लगाने हैं साइनेज
प्रदेश में अभी 3852.68 किमी सड़कों पर संकेतक लगाए जाने बाकी हैं। इनमें 2479 किमी सड़क पर लोक निर्माण विभाग, 1032 किमी पर लोक निर्माण विभाग की राष्ट्रीय राजमार्ग शाखा, 97 किमी पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, 27 किमी पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड और 216 किमी पर सीमा सड़क संगठन ने रोड साइनेज लगाने हैं।
Gulabi Jagat
Next Story