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उत्तराखंड न्यूज
उत्तराखंड में 20 हजार लोगों ने फर्जी तरीके से बतौर किसान सरकार के 18 करोड़ तीन लाख रुपये डकार लिए। इसमें 11 हजार लोग ऐसे हैं, जो आयकर चुकाते हैं। यही नहीं, तीन हजार ऐसे लोगों का भी पता चला, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी और उनके नाम भी सम्मान निधि जारी की गई। हालांकि, अफसरों का कहना है कि इनकी मौत पीएम योजना में शामिल होने के बाद हुई है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनके नाम जमीन तक दर्ज नहीं है।
यह मामला पकड़ में आने के बाद कृषि विभाग ने जब अपात्रों को नोटिस भेजने शुरू किए तो कार्रवाई से बचने के लिए राज्यभर में 3,064 लोगों ने दो करोड़ तीन लाख रुपये वापस लौटा दिए। केंद्र सरकार ने 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी।जिसके तहत ऐसे किसान जिनके नाम खेती की जमीन है और वे खेती करते हैं, उन्हें सालाना छह हजार रुपये दिए जाते हैं।
उत्तराखंड में 9.56 लाख लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था। अभी तक 11 किस्तें जारी हो चुकी हैं। भारत सरकार के पोर्टल से 11,905 आयकरदाता पकड़ में आए, जिनकी सम्मान निधि बंद कर 2020 से नोटिस भेजे गए। इसके बाद गांव स्तर पर भी जांच हुई तो पता चला कि 7,535 अपात्र किसान भी इसका लाभ उठा रहे थे। इसमें करीब तीन हजार ऐसे लोग हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी।
15 अगस्त तक ई-केवाईसी जरूरी: कृषि विभाग ने किसान सम्मान निधि के लिए 15 अगस्त तक ई-केवाईसी का मौका दे दिया है। इसके तहत आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक किया जाना है। सहायक निदेशक-कृषि गणना राजेश पांडेय के अनुसार, जो किसान अंतिम तिथि तक ई-केवाईसी नहीं करवाएंगे, उनकी सम्मान निधि बंद कर दी जाएगी।
देहरादून में दो हजार अपात्र
मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह के मुताबिक, देहरादून जिले में करीब दो हजार अपात्र किसान पकड़ में आए हैं। यहां 62 हजार लोगों ने सम्मान निधि के लिए आवेदन किया, जिसमें 2095 किसान फर्जी निकले। इन लोगों को रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया है। हालांकि, कुछ लोगों ने खुद सम्मान निधि वापस लौटा दी है।
हरिद्वार में 200 लोगों से रिकवरी, कई को नोटिस
हरिद्वार में भी अपात्र किसानों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी के अनुसार, यहां अब तक 200 किसानों से छह लाख रुपये की रिकवरी हो चुकी है। जबकि, 1300 अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। हरिद्वार में अब तक कुल 4727 लोग अपात्र पाए जा चुके हैं।
इन जिलों में भी अपात्र किसान पकड़े गए
अल्मोड़ा में 2460, बागेश्वर में 415, चमोली में 764, चंपावत में 472, नैनीताल में 1148, पौड़ी में 1053, पिथौरागढ़ में 568, रुद्रप्रयाग में 633, टिहरी में 2183, यूएसनगर में 2158 और उत्तरकाशी में 764 लोग अपात्र पाए गए हैं।
उत्तराखंड में करीब 19,440 लोग ऐसे मिले हैं, जो पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पात्र नहीं थे। इन सभी को नोटिस भेजे जा रहे हैं। तीन हजार लोगों ने सम्मान निधि लौटा दी है। बाकी अपात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। यदि वे सम्मान निधि वापस नहीं लौटाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजेश पांडेय, सहायक निदेशक-कृषि गणना
अपात्र और आयकरदाताओं से किसान सम्मान निधि का पैसा वापस लिया जा रहा है। राजस्व विभाग के स्तर से यह प्रक्रिया चल रही है। इसकी लगातार समीक्षा भी की जा रही है।
शैलेश बगौली, कृषि सचिव
Tagsउत्तराखंड
Gulabi Jagat
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