उत्तराखंड

नौकरियों में जुगाड़बाजी और सिफारिश, विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला

Gulabi Jagat
3 Sep 2022 4:52 PM GMT
नौकरियों में जुगाड़बाजी और सिफारिश, विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला
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विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला
देहरादून। उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC के बीते वर्ष दिसंबर में एक परीक्षा का पेपर लीक होने के मुद्दे से प्रारम्भ हुई कहानी अब नयी बहस की और मुड़ गई है। सोशल मीडिया और आम लोगों के बीच चर्चा का मामला है कि 22 वर्ष के राज्य में क्या सरकारी नौकरियों में सियासी हस्तक्षेप और करप्शन का बोलबाला रहा है। ताजा मामला उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और भाजपा गवर्नमेंट में शिक्षा मंत्री रहे अरविंद पांडे के साथ जुड़कर आ रहा है। पांडे पर आरोप है कि उन्होंने अपने आठ संबंधियों को सरकार ऐडेड प्राइवेट कॉलेजों में फिट करवाया।
कांग्रेस का आरोप है कि बीते वर्षों में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में भाजपा और संघ से जुड़े कई अभ्यर्थी या उनके सम्बन्धी जॉब पा गए। विभागीय मंत्री धन सिंह रावत के पीआरओ भी इसी यूनिवर्सिटी में खपा दिए गए। इसको लेकर सोशल मीडिया में बाकायदा की लिस्ट भी तैर रही है। पूछने पर मंत्री धनसिंह रावत ने न्यूज़ 18 से बोला कि उनके संज्ञान में भी लिस्ट आई है और वह अपने स्तर से जानकारी जुटा रहे हैं। इधर, पूर्व मंत्री पांडे से संपर्क करने पर उनके स्टाफ ने बोला कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, लिहाजा वो बात नहीं कर सकते।
नौकरियों में जुगाड़बाजी और सिफारिश!
क्या उत्तराखंड में सरकारी नौकरियां सिफारिश में दी जाती है? ये चर्चा इसलिए भी प्रारम्भ हुई क्योंकि जिस तरह हाल ही विधानसभा सचिवालय में एक दो नहीं बल्कि कई सौ नौकरियों में नेताओं और अफसरों के जुगाड़बाजी और सिफारिश के प्रूफ मिले, उससे राज्य के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस पार्टी निशाने पर हैं। जुलाई में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जब एसआईटी को UKSSSC की जांच सौंपी, तब शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि मामला अगले कुछ दिनों में कुछ और ही रुख ले लेगा-
विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला
एसआईटी पेपर लीक मुद्दे में अभी तक 33 लोगों को अरैस्ट कर चुकी है और मुकदमा लगभग समापन की ओर है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी एक लिस्ट लेकर आई। आरोप लगा कि तत्कालीन विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते वर्ष विधानसभा में कई मंत्रियों, भाजपा नेताओं समेत आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों के संबंधियों को जॉब दे दी। बदले में भाजपा भी एक लिस्ट लेकर हाजिर हुई जिसमें बताया गया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी कई लोगों को एंट्री दिलाई जिसमें उनके परिवार के ही 8 लोग शामिल हैं।
दिल्ली तक पहुंच चुकी है बात
मजेदार बात यह है कि दोनों ही पूर्व स्पीकर ने पूछे जाने पर इस बात को साफगोई से माना कि उन्होंने जॉब देने में अपना-पराया देखा। पूरे मुद्दे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर ऋतु खंडूरी से निष्पक्ष जांच कराने की सिफारिश की है। गेंद स्पीकर के पाले में है। वह अभी दिल्ली में हैं और कह चुकी हैं कि लीगल ओपिनियन लेकर एक्शन लेंगी। मौजूदा कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी दिल्ली तलब किए गए हैं और भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम समेत आलाकमान के कुछ और नेता इन भर्तियों को लेकर उनसे वार्ता कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भाजपा गवर्नमेंट में लगातार दूसरी बार मंत्री पद संभालने वाली रेखा आर्या का नाम भी इस टकराव में आ चुका है। उन्होंने उत्तरकाशी के चार लोगों की सिफारिश 2020 में मत्स्य पालन विभाग में जॉब के लिए की थी, जिसकी एक चिट्ठी वायरल हुई थी। हालांकि उन्होंने बोला था कि इस तरह के पत्र भेजना जनप्रतिनिधि के लिए सामान्य बात है। फिर भी, इस वायरल पत्र को उत्तराखंड में नेताओं की सिफारिशों से हो रही गड़बड़ भर्तियों के मुद्दे में ही देखा जा रहा है।
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